scorecardresearch
 

PM आवास योजना-शहरी में सब्सिडी के लिए लटके हुए हैं 1.57 लाख आवेदन: RTI

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी  (PMAY) (U) के तहत सब्सिडी प्रदान करने की कछुआ रफ्तार के लिए बैंकों/एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों) की हिचकिचाहट भी एक अहम कारण है. ये सब्सिडी के आवेदनों पर ठंडा रुख दिखाते हैं जिसकी वजह से बड़ी संख्या में ऐसे मामले लंबित हैं.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

  • बैंकों/NBFC की हिचकिचाहट से लोगों को वित्तीय मदद मिलने में देरी
  • एनएचबी ने कहा, सब्सिडी के डेटा का राज्यवार विभाजन उपलब्ध नहीं

'सबके लिए आवास' के उद्देश्य से लाई गई मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना को ब्रेकर का सामना करना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पहली बार आवास खरीदने के लिए जो लोग पात्र हैं उन्हें सब्सिडी मिलने में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. ये लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्रेडिट लिन्क्ड सब्सिडी स्कीम (PMAY-CLSS) के लाभार्थी हैं.  

आरटीआई के तहत दाखिल याचिका में नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) से PMAY-CLSS के तहत लंबित आवेदनों की जानकारी मांगी गई. NHB ने जवाब में बताया, '22-08-19 को 1.57 लाख आवास लाभार्थियों के सब्सिडी दावों पर NHB की प्रक्रिया चल रही है.' NHB ने जवाब में ये भी कहा कि सब्सिडी के डेटा का राज्यवार विभाजन उनके पास उपलब्ध नहीं है.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी  PMAY (U) के तहत सब्सिडी प्रदान करने की कछुआ रफ्तार के लिए बैंकों/एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों) की हिचकिचाहट भी एक अहम कारण है. ये सब्सिडी के आवेदनों पर ठंडा रुख दिखाते हैं जिसकी वजह से बड़ी संख्या में ऐसे मामले लंबित हैं. PMAY (U) का लक्ष्य है कि विभिन्न आय स्लैब के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को 6.5% की ब्याज दर वाले होम लोन पर 3 से 18 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाए.

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत PMAY (U) के शिकायत प्रकोष्ठ को कई शिकायतें मिलीं, जिनमें से 62% सब्सिडी नहीं मिलने से संबंधित थीं.  2017-18 में, 663 शिकायतें प्राप्त हुईं. 2018-19 में ये संख्या बढ़कर 1,431 हो गई, जिनमें से 907 का 12 जून 2019 तक समाधान हो गया.  NHB को 1,719 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 1,346 का निस्तारण हो गया और 373 लंबित थीं.  

प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता वाली योजना की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने एनएचबी के पास फंड की कमी को अहम कारण के तौर पर गिनाया था लेकिन जब मंत्रालय के अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने फंड की किसी भी कमी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि सब्सिडी आवेदनों का समयबद्ध ढंग से निस्तारण किया जा रहा है. इसके लिए 60,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजटीय संसाधन (EBR) आवंटन का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Advertisement

मौजूदा वित्त वर्ष में, आवास योजना के लिए बजटीय आवंटन 7,000 करोड़ रुपये है, जिसका पूरी तरह से उपयोग किया गया है. सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि सब्सिडी की जरूरतों को पूरा करने के लिए EBR से 28,000 करोड़ रुपये निकाले गए. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में इस वर्ष PMAY-CLSS  की मांग में लगभग 285% की वृद्धि हुई है.

अधिक धन की आपूर्ति के लिए बैंकों/NBFC की हिचकिचाहट इस तथ्य से स्पष्ट है कि जुलाई 2019 में, HUDCO के लिए आवश्यक EBR को आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया. 7 लाख लाभार्थियों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, NHB को 15,400 करोड़ रुपए की आवश्यकता है. इसमें से, आवास मंत्रालय का दावा है कि 2018-19 में हासिल 10,350 करोड़ रुपये के फंड को बांट दिया गया है.

इस साल के शुरू में संसद के एक जवाब में, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि जुलाई 2019 तक, सरकार ने PMAY-CLSS  के तहत 14,482 करोड़ रुपए की सब्सिडी 6.43 लाख लाभार्थियों को बांट दी थी. अभी जितने आवेदन (1.57 लाख) प्रक्रिया में हैं उन्हें सब्सिडी मिल जाती है तो मिलाकर लाभार्थियों की संख्या 8 लाख तक पहुंच जाएगी.   

Advertisement

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लक्ष्य 10 लाख लाभार्थियों को कवर करने का रखा गया है. हालांकि, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने एक बैठक में प्रस्ताव दिया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, NHB को लगभग 7 लाख लाभार्थियों को कवर करना चाहिए. वहीं HUDCO को 50,000 से ज़्यादा और SBI को कम से कम 2.5 लाख लाभार्थियों को देखना चाहिए.

Advertisement
Advertisement