न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) ने बुधवार को स्वीकार किया है कि तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट के कंप्यूटर पर मैलवेयर हमला हुआ है. हालांकि एनपीसीआईएल ने दावा किया है कि इससे सिस्टम प्रभावित नहीं हुआ है. बता दें कि एक दिन पहले यानी मंगलवार को एनपीसीआईएल के अधिकारियों ने कहा था कि सिस्टम पर साइबर हमला संभव ही नहीं है.
एनपीसीआईएल ने कहा कि उसके सिस्टम में मैलवेयर के मिलने की बात सही है. 4 सितंबर को जब इसका पता चला तो इस मामले की जानकारी सीईआरटी-आईएन (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) को दी गई. परमाणु ऊर्जा विभाग के विशेषज्ञों ने तत्काल इसकी जांच की और मैलवेयर हमले से प्रभावित कंप्यूटर इंटरनेट नेटवर्क से जुड़े एक यूजर का था. इस कंप्यूटर का इस्तेमाल प्रशासनिक कार्यों के लिए किया जाता था.

एनपीसीआईएल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह क्रिटिकल इंटरनल नेटवर्क से बिल्कुल अलग है. नेटवर्कों की लगातार निगरानी की जा रही है. जांचकर्ताओं ने यह भी पुष्टि की है कि संयंत्र का सिस्टम प्रभावित नहीं हुआ है.
बता दें कि मंगलवार को एनपीसीआईएल ने अपने सिस्टम पर साइबर हमले की आशंका को निराधार बताते हुए कहा था कि हमला करना संभव नहीं है. केकेएनपीपी के प्रशिक्षण अधीक्षक और सूचना अधिकारी आर रामदास ने कहा था कि साइबर हमले के बारे में सोशल मीडिया पर आई खबरें अफवाह हैं.
एमके स्टालिन ने चिंता जताते हुए की जांच की मांग
एनपीसीआईएल द्वारा मालवेयर हमले की बात स्वीकार करने के कुछ घंटे बाद द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट किया, 'एनपीसीआईएल केंद्र पर साइबर हमले से हैरानी हो रही है. इससे पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी का पता चलता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चूक की जांच करानी चाहिए.