प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में शुक्रवार को कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं. मामले में ईडी की पैरवी करते हुए ASG एस वी राजू ने शुक्रवार को कोर्ट द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दिया. ईडी ने दावा किया कि कांग्रेस ने जानबूझ कर AJL को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया.
उन्होंने कहा कि अभियुक्तों के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई कंपनियों के विलय का उदाहरण दिया था. उनमें एअर इंडिया का भी जिक्र था.
एएसजी राजू ने कहा कि एअर इंडिया में विनिवेश पारदर्शी तरीके से किया गया था न कि इनकी तरह संदिग्ध, गुपचुप और मनमाने तरीके से. आप एअर इंडिया डील की तुलना यंग इंडियन डील से नहीं कर सकते.
ASG राजू ने कहा कि साजिश की वजह से AICC को 90 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा हुआ. कायदे से तो नीलामी की प्रक्रिया अपनानी चाहिए थी जो भी 90 करोड़ या इससे अधिक धनराशि देता, वो उसका अधिग्रहण कर लेता. लेकिन ये साजिश की गई. डील में ट्रांसपरेंसी नहीं रखी गई, AICC को पता था कि AJL घाटे वाली कंपनी है.
'सब कुछ जानते हुए भी किया कर्जे'
ASG राजू ने कोर्ट को ये भी बताया कि घाटे में चल रही कंपनी में कोई क्यों निवेश करेगा? यंग इंडियन कंपनी को 50 लाख रुपये क्यों देने पड़े? AICC ने घाटे में चल रही कंपनी AJL को सब कुछ जानते हुए भी कर्ज दिया. यह सबसे बड़ा घोटाला है. दो लाख शेयर होल्डर्स में से सिर्फ सात लोगों ने कंपनी को यंग इंडियन को सौंपने का फैसला कर लिया था.
नेशनल हेराल्ड अखबार जो AJL द्वारा प्रकाशित किया जाता था, स्वतंत्रता सेनानियों के समय से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। इस मामले में आरोप है कि कांग्रेस ने AJL को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, जिसे बाद में यंग इंडियन ने केवल 50 लाख रुपये में अधिग्रहण कर लिया। ईडी का दावा है कि यह सौदा वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं से भी पूछताछ हो चुकी है.
ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने घाटे में चल रही कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को साजिश के तहत 90 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस को भारी वित्तीय नुकसान हुआ. यह कर्ज एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिया गया, जिसमें पारदर्शिता की कमी थी और नियमों का पालन नहीं किया गया.