श्री श्री रविशंकर के दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने एनजीटी से कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग ने यमुना से आ रही बदबू को हटाने के लिए उसमें बिना किसी की इजाजत के कई तरह के एनजाइम्स डाले हैं.
जिस पर एनजीटी ने श्रीश्री की संस्था से सवाल किया और पूछा कि क्या वह लिखित सफाई दे सकते हैं कि उनकी ओर से किसी भी तरह का कोई एनजाइम नदी में नहीं डाला गया है. एनजीटी ने इस मामले में प्रदूषण बोर्ड को भी शामिल करने की संभावना जताई है.
एक तरफ जहां जल संसाधन मंत्रालय ने एनजीटी को अपने जवाब में कहा है कि इस कार्यक्रम को मंजूरी नहीं दी गई है. वहीं दिल्ली सरकार ने एनजीटी को बताया है कि स्टेज का ढांचा स्टेबल न होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अलग स्टेज बनाया जा रहा है.
I appeal to all parties to not politicize the #WCF2016. It is to unite all cultures, nations, religions & ideologies. Let's come together!
— Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) March 9, 2016
पीएम मोदी कार्यक्रम में करेंगे शिरकत
दरअसल श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे. उनकी सुरक्षा टीम ने भी इस कार्यक्रम में सुरक्षा पर सवाल उठाए थे. उनका कहना था कि मुख्य स्टेज का ढांचे सही नहीं है उन्होंने वहां दुर्घटना की आशंका जताई थी. इस मामले पर आर्ट ऑफ लिविंग तीन बजे एनजीटी में जवाब दाखिल करेगी. इस कार्यक्रम के विरोध में कांग्रेस के नेतृत्व में किसानों ने भी विरोध प्रदर्शन किया.
एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय को भी लताड़ा
एनजीटी ने इस मुद्दे पर पर्यावरण मंत्रालय को भी लताड़ा. ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण मंत्रालय से पूछा कि आपने इस मामले में एफिडेविट फाइल क्यों नहीं किया? एनजीटी ने मंत्रालय को दो टूक शब्दों में कहा कि कृपया हमारे धैर्य की परीक्षा न लें.
एनजीटी ने मंत्रालय को याद दिलाया उसी का बयान
एनजीटी ने संबंधित मंत्रालय से कहा कि पुलों और रैंप के निर्माण के लिए अनुमति के बारे में मंत्रालय की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी करने जरूरी है. इस पर एक ऐसा फैसला लिया जाए जो समान रूप से सब पर लागू हो. साथ ही एनजीटी ने मंत्रालय के बयान का हवाला देते हुए कहा कि 'आपने ही कहा था कि यमुना जैसे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं है.'