विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि NIA के PAK दौरे को लेकर दोनों मुल्कों में पहले ही सहमति बन चुकी थी. मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा कि जेआईटी के पठानकोट आने से पहले ही इस ओर रजामंदी हो गई थी.
बता दें कि इससे पहले बासित ने एनआईए के पाकिस्तान दौरे पर कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें लगता है कि यह पूरी जांच पड़ताल आदान-प्रदान की बात नहीं है. जबकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी जेआईटी (संयुक्त जांच दल) के भारत दौरे से पहले, पाकिस्तान इस बात पर सहमत हुआ था कि यह आपसी आदान-प्रदान के आधार पर होगा.
26 मार्च को बनी थी आदान-प्रदान पर सहमति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि पाकिस्तान जांच दल (JIT) के भारत दौरे से पहले नियम तय हो गए थे और सहमति बन गई थी. भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को अवगत करा दिया था कि ये आदान-प्रदान के आधार पर किया जाएगा, जिस पर सहमति बनी थी, और मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार पालन किया जाएगा. 26 मार्च को ये सहमति बनी थी, और 27 मार्च को जेआईटी भारत आई थी.
MEA Spokesperson Vikas Swarup's response to Pakistan High Commissioner's comments today. pic.twitter.com/S5pNrJk2bk
— ANI (@ANI_news) April 7, 2016
ये कहा था बासित ने
आपको बता दें कि भारतीय जांच एजेंसी एनआईए के पठानकोट हमलों की जांच को लेकर पाकिस्तान का दौरा करने के सवाल पर बासित ने कहा था कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें लगता है कि यह पूरी जांच पड़ताल आदान-प्रदान की बात नहीं बल्कि इस मामले की तह तक जाने के लिए सहयोग को बढ़ाने की बात है.
संपर्क में हैं दोनों देश
बासित के इस बयान पर भारत पाकिस्तान शांति प्रक्रिया निलंबित है, स्वरूप ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया के संवाददाता सम्मेलन का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा, ‘मैंने कई बार कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के संपर्क में हैं और दोनों पक्षों ने यह दोहराया है कि तौर तरीके तैयार किए जा रहे हैं.’ जकारिया से जब भारत पाकिस्तान विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं एक बार फिर कहूंगा कि वार्ता मुद्दों को हल करने का सबसे अच्छा साधन है. मैंने भारतीय विदेश सचिव का बयान पढ़ा है जिसकी आप चर्चा कर रहे हें और उसमें भी इस बात का संकेत है कि वार्ता होगी.