प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. वहीं इस सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी शामिल होंगे. हालांकि दोनों नेताओं की इस सम्मेलन में किसी तरह की मुलाकात नहीं होगी.
13-14 जून को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक होगी. जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी पहुंचेंगे. इस बीच अटकलें थीं कि पीएम मोदी और इमरान खान की इस सम्मेलन में बैठक हो सकती है. लेकिन अब इन अटकलों को खारिज कर दिया गया है.
Raveesh Kumar, MEA: To the best of my knowledge no meeting has been planned between PM Modi and Pakistan PM Imran Khan at the SCO Summit in Bishkek. pic.twitter.com/KJoqE00Uf6
— ANI (@ANI) June 6, 2019
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इमरान खान और पीएम मोदी की मुलाकात की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा, 'मेरी जानकारी के मुताबिक बिश्केक में होने वाली एससीओ समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच कोई बैठक तय नहीं है.'
Raveesh Kumar, MEA on Pakistan Foreign Secretary's visit to India: It was a personal visit and there was no meeting scheduled with him. pic.twitter.com/LFAXJ0HTAM
— ANI (@ANI) June 6, 2019
वहीं पाकिस्तान के विदेश सचिव की भारत यात्रा पर भी रवीश कुमार ने बयान दिया. रवीश ने कहा, 'यह एक व्यक्तिगत यात्रा थी और उनके साथ कोई बैठक निर्धारित नहीं थी.'
MEA on #KartarpurCorridor: We've sought clarification on reports that controversial elements have been appointed by Pakistan, from a committee associated with this project. We've sought clarification from Pak on some of key proposals forwarded in last meetings. Awaiting response pic.twitter.com/6ZlveaJ8cP
— ANI (@ANI) June 6, 2019
करतारपुर गलियारे पर रवीश कुमार ने कहा, 'हमने उन रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण मांगा है. इस प्रोजेक्ट के साथ पाकिस्तान की ओर से जुड़ी कमेटी ने विवादित तत्वों को जोड़ा है. फिलहाल मामले पर स्पष्टीकरण का इंतजार है.'
Raveesh Kumar, MEA on Iran oil situation: There has not much change from what I had spoken earlier, the fundamental principle remains that whatever decision we take will be based on commercial consideration, energy security and our national interest. pic.twitter.com/juSxlEc3Ev
— ANI (@ANI) June 6, 2019
अमेरिका और ईरान के बीच पिछले काफी वक्त से तनाव की स्थिति बनी हुई है. भारत की तेल आपूर्ति का काफी हिस्सा ईरान से पूरा होता है. ऐसे में ईरान की तेल की स्थिति पर रवीश ने कहा, 'मैंने पहले जो बात कही थी, उसमें बहुत कुछ ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है. मूल सिद्धांत यह है कि हम जो भी फैसला लेते हैं वह वाणिज्यिक विचार, ऊर्जा सुरक्षा और हमारे राष्ट्रीय हित पर आधारित होगा.'