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देश में हर घंटे एक बच्चे के लापता होने पर लोकसभा में जताई गई चिंता

देश में हर साल लगभग 44 हजार बच्चों के लापता होने का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा और सरकार से गुमशुदा एवं अनाथ बच्चों के संबंध में एक ठोस नीति बनाने की मांग की गई.

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देश में हर साल लगभग 44 हजार बच्चों के लापता होने का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा और सरकार से गुमशुदा एवं अनाथ बच्चों के संबंध में एक ठोस नीति बनाने की मांग की गई.

सदन में शून्यकाल के दौरान बीजेपी के वीरेन्द्र कुमार ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुमशुदा एवं अनाथ बच्चे आश्रय के अभाव में भीख मांगने, तस्करी के धंधों में लिप्त होने या नक्सलियों के हाथों का खिलौना बनने को मजबूर हो रहे हैं. देश में औसतन हर घंटे एक बच्चा गायब हो रहा है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 44 हजार बच्चे हर साल लापता हो जाते हैं. उनमें से करीब 11 हजार बच्चों का ही पता चल पाता है. वर्ष 2009 से 2011 के बीच लगभग 1,77,660 बच्चे लापता हुए जिनमें से 1,22,190 का ही पता चल सका, जबकि 55,000 अभी भी लापता हैं. इनमें करीब 35 हजार नाबालिग लड़कियां हैं.

मध्य प्रदेश के टीकमगढ से सांसद कुमार ने कहा कि बच्चों की चोरी और खरीद फरोख्त के गैर कानूनी धंधे के कारण न जाने कितने ही बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो चुकी है. इस तरह के अपराधों की रोकथाम के लिए कानून तो हैं लेकिन ये ठीक से लागू नहीं हो पा रहे हैं. कई बार पुलिस की उदासीनता भी बच्चों के बरामद हो पाने में बाधक बन जाती हैं.

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उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे आयोगों की सक्रियता बढाने के साथ ही गुमशुदा एवं अनाथ बच्चों के संबंध में एक ठोस नीति बनाने की पहल किये जाने का अनुरोध किया.

 

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