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कृष्णा ने करजई से भेंट कर किया समर्थन व्‍यक्‍त

भारत ने आतंकवादी हमलों का लगातार निशाना बन रहे अफगानिस्तान में शांति, स्थायित्व और विकास के युग का सूत्रपात करने के राष्ट्रपति हामिद करजई के प्रयासों के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है.

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भारत ने आतंकवादी हमलों का लगातार निशाना बन रहे अफगानिस्तान में शांति, स्थायित्व और विकास के युग का सूत्रपात करने के राष्ट्रपति हामिद करजई के प्रयासों के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है.

अफगानिस्तान में कल से हो रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज पहुंचने के तुरंत बाद विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने यहां सुरक्षा की दृष्टि से किलेबंद किए गए राष्ट्रपति महल में करजई से भेंट की.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने बताया कि कृष्णा ने इस भेंट के दौरान राष्ट्रपति करजई द्वारा शांति, स्थायित्व और विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों के लिए भारत का समर्थन दोहराया.

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच करीब पौने घंटे तक विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों पर बातचीत हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘भेंट बहुत ही उपयोगी और मधुरतापूर्ण रही.’’ संभवत: कल सम्मेलन में अपना संबोधन देने वाले कृष्णा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से करजई और अफगान जनता को बधाइयां दी.

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करजई ने कृष्णा के पहुंचने पर उन्हें ‘दोस्त आपका बहुत बहुत स्वागत है’ वचन से उनका स्वागत किया और भारत में मानसून के बारे में पूछा. करजई ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. रांगिन दादफर स्पंटा से भी भेंट की और उनसे द्विपक्षीय संबंध और आपसी चिंताओं के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.

दोनों नेताओं ने कल के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में चर्चा की जो युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में 1970 के बाद विदेशी नेताओं का सबसे बड़ा जमावड़ा होगा.

यह सम्मेलन जनवरी में हुए लंदन सम्मेलन के बाद दूसरा सम्मेलन है. लंदन सम्मेलन में दानदाताओं ने हिंसा त्यागने वाले तालिबान लड़ाकों के एकीकरण एवं उन्हें नौकरियां देने की अफगान योजना के लिए 16 करोड़ रूपए देने का वादा किया था.

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