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आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने का वक्त आ गया: कृष्‍णा

विदेश मंत्री एस एम कृष्णा बुधवार को इस स्पष्ट संदेश के साथ पाकिस्तान पहुंचे कि भारत के खिलाफ आतंक में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का समय आ गया है विशेषकर उन लोगों के बारे में जिनका खुलासा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने किया है.

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विदेश मंत्री एस एम कृष्णा बुधवार को इस स्पष्ट संदेश के साथ पाकिस्तान पहुंचे कि भारत के खिलाफ आतंक में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का समय आ गया है विशेषकर उन लोगों के बारे में जिनका खुलासा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने किया है.

कृष्णा ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ गुरुवार को होने वाली वार्ता के पहले पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर इस्लामाबाद की ओर से ‘कुछ गतिविधि’ के बारे में भारत की उम्मीदों के प्रति कुछ नहीं कहा.

उन्होंने कुरैशी के साथ अनौपचारिक रात्रिभोज से ठीक पहले संवाददाताओं को बताया, ‘‘मुझे लगता है कि जब किसी भी सरकार के समक्ष इस तरह के नकारे न जा सकने वाले सबूत पेश किये जाएंगे, तो उस सरकार को कार्रवाई करनी ही पड़ेगी.’’ कृष्णा ने अपनी वार्ता के नतीजों को पहले ही तय किये जाने को खारिज करते हुए कहा कि वह कुरैशी से हेडली के खुलासे से जुड़ी विभिन्न चिंताओं तथा भारत द्वारा खुद से जुटाये गये अन्य सबूत के बारे में बातचीत करेंगे.

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कृष्णा ने जोर देकर कहा कि हेडली से की गई पूछताछ में पाकिस्तान गलती नहीं निकाल सकता क्योंकि यह जांच कार्य अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने भी किया है. कृष्णा द्वारा हेडली के खुलासे पर ध्यान कंेद्रित किया जाना भारत के गृह सचिव जीके पिल्लई की उस टिप्पणी के मद्देनजर मायने रखता है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि इस खुलासे के आधार पर पता चलता है कि आईएसआई तथा लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी हाफिज सईद ने मुंबई हमलों में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, पहले उसकी इतनी बड़ी भूमिका रहने की बात नहीं सोची जा रही थी.{mospagebreak}

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत के खिलाफ सईद और अन्य जेहादी नेताओं की बयानबाजी भारत..पाकिस्तान संबंध को सहज नहीं बनायेगा.

उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान के लोगों को भड़काने के लिये सईद लगातार भाषण देता आ रहा है.

कृष्णा ने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार के कथित हनन के मुद्दे को उठाये जाने संबंधी कुरैशी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा यह एक आतंरिक मुद्दा है और ‘‘हमें किसी अन्य देश को जवाब नहीं देना है.’’
कृष्णा इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ कल वार्ता करेंगे. वह भारत और पाकिस्तान की अवाम के बीच रिश्तों के क्षेत्र में विश्वास कायम करने के उपायों, कैदियांे की अदला..बदली और द्विपक्षीय व्यापार पर ध्यान देने के अलावा दोनों देशों के बीच सहमति के बिंदुओं की तलाश करने की कोशिश करेंगे.{mospagebreak}

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विदेश मंत्री ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमें आपसी हित के उन सभी मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा होने की उम्मीद है जो विश्वास बहाली में योगदान दे सकते हैं और हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में विश्वास ला सकता है.’’ कृष्णा ने कहा, ‘‘पिछले महीने हमारे गृहमंत्री :पी चिदंबरम: की पाकिस्तान यात्रा के दौरान खासतौर पर मुंबई हमलों के बारे में डेविड हेडली से पूछताछ के संदर्भ में हुई चर्चाओं और आतंकवाद के प्रति जाहिर की गई हमारी प्रमुख चिंता पर मुभे सूचनाएं मिलने की उम्मीद है.’’ उन्होंने अपनी यात्रा को एक अहम यात्रा बताते हुए उम्मीद जताई कि यह दोनों देशों के बीच एक शांतिपूर्ण, दोस्ताना और सहयोगी रिश्ता बनाने के प्रति हमारी कोशिशों को ‘एक नये सफर’ पर ले जाएगी.

कृष्णा ने कहा उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ भी मुलाकात की उम्मीद है.{mospagebreak}

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘भारत आपसी विश्वास और भरोसे के आधार पर पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने को प्रतिबद्ध है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के लोगों की ओर से अपने साथ ‘शांति और दोस्ती का पैगाम’ लेकर आया हूं. हमें यहां की सरकार और पाकिस्तान की अवाम के साथ शांति की इस यात्रा को संयुक्त रूप से शुरू करने की उम्मीद है, हालांकि यह एक लंबी और कठिन सफर है.’’ कृष्णा की इस यात्रा के दौरान भारत आपसी रिश्ते में विश्वास और भरोसे की बहाली की रूपरेखा तलाश करेगा, इस तरह से आपसी चिंताओं के मुद्दों पर ठोस वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.

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दरअसल, दोनों देशांे के प्रधानमंत्री ने अप्रैल में थिम्पू में हुई बैठक के बाद अपने..अपने विदेशमंत्रियों को विश्वास में आई कमी को पाटने और रिश्ते में विश्वास बढ़ाने का जिम्मा सौंपा है.

कृष्णा की यह यात्रा कश्मीर घाटी में हफ्तों चली हिंसा के मद्देनजर हो रही है, जहां भारतीय प्रतिष्ठानों ने नियंत्रणरेखा पार के तत्वों की संलिप्तता देखी है. कुछ लोग कृष्णा की इस यात्रा और हिंसा के समय के बीच संबंध देखते हैं.{mospagebreak}

हालांकि, कल की वार्ता को ‘समग्र वार्ता’ नहीं बताया जा रहा है. फिर भी भारत द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बातचीत से नहीं हिचकेगा.

कृष्णा और कुरैशी के बीच वार्ता में अफगानिस्तान एक अन्य अहम विषय हो सकता है. भारत ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान को एक अरब डॉलर से अधिक की सहयता दी है और वहां पाकिस्तान को किसी भी तरह का रणनीतिक मौका देने के प्रति अनिच्छुक है.

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