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कार्ति चिदंबरम को SC से बड़ी राहत, कई शर्तों के साथ मिली विदेश दौरे की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को मई और जून में अलग-अलग तारीखों पर विदेश यात्रा की अनुमति दी है. अनुमति देने के साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने सुरक्षा के रूप में 10 करोड़ जमा कराने को कहा है. कोर्ट ने कार्ति के वकील से कहा कि 10 करोड़ रुपये और जमा करा दीजिए. आपके मुवक्किल को यह पैसा जमा कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी.

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सुप्रीम कोर्ट से कार्ति को मिली विदेश जाने की अनुमति (फाइल-ट्विटर)
सुप्रीम कोर्ट से कार्ति को मिली विदेश जाने की अनुमति (फाइल-ट्विटर)

लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़े रहे कार्ति चिदंबरम को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत उस समय मिली जब इस महीने (मई) में उन्हें बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने की इजाजत दे दी. इससे पहले सोमवार को कार्ति चिदंबरम और उनके पिता पी चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट की ओर से गिरफ्तारी पर 30 मई तक के लिए रोक लगा दी गई.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की एक पीठ ने मंगलवार को कार्ति को विदेश जाने की अनुमति में कई शर्तें लगाई गई हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विदेश यात्रा की यह अनुमति पूर्व में लगाई शर्तों के अनुपालन पर निर्भर करेगी. वे अपनी किसी भी संपत्ति को न बेच सकते हैं या ट्रांसफर कर सकते हैं. साथ ही अपना कोई बैंक खाता भी बंद नहीं करा सकते.

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सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को मई और जून में अलग-अलग तारीखों पर विदेश यात्रा की अनुमति दी है. अनुमति देने के साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने सुरक्षा के रूप में 10 करोड़ जमा कराने को कहा है. कोर्ट ने कार्ति के वकील से कहा कि 10 करोड़ रुपये और जमा करा दीजिए. आपके मुवक्किल को यह पैसा जमा कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी. शीर्ष अदालत ने उन्हें एक लिखित आश्वासन भी दायर करने को कहा कि वह लौट कर आएंगे और जांच में सहयोग करेंगे.

कार्ति के खिलाफ दर्ज मामलों में एक मामला 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी से जुड़ा हुआ है. यह मंजूरी उस वक्त दी गई थी जब उनके पिता वित्त मंत्री थे.

गिरफ्तारी पर रोक बढ़ी

इससे पहले दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को एयरसेल मैक्सिस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 30 मई तक के लिए लगी रोक को बढ़ा दिया. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से पेश हुए  सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केस मामले में अभी जांच चल रही है और टीम को इंग्लैंड और सिंगापुर भेजा गया है और जल्द ही टीम ठोस सबूत और दस्तावेजों के साथ होगी जिन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.

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हालांकि, सॉलिसिटर जनरल की इस दलील का कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जमकर विरोध किया और कहा कि कि जांच एजेंसी 13 बार इस मामले में कोर्ट से समय ले चुकी है और अभी भी जांच एजेंसी के हाथ खाली है. 2014 से अब तक इस मामले को लगातार लंबा खींचने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में उनके क्लाइंट पी चिदंबरम को जमानत दी जानी चाहिए. जांच एजेंसी पहले ही अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है. ऐसे में अगर जांच आगे भी चल रही है तो पी चिदंबरम और कार्ति को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए.

जांच एजेंसी की ओर से बार-बार तारीख मांगने को लेकर भी कोर्ट ने भी सवाल उठाया. कोर्ट ने पूछा कि आखिर मामले की जांच पूरा करने के लिए आपको कितने समय की जरूरत है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही नतीजे हमारे सामने होंगे. हालांकि इन दलीलों के बाद भी कोर्ट ने 3 महीने का समय देने के लिए मना कर दिया और अगली सुनवाई 30 मई तय कर दी.

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