कर्नाटक में कांग्रेस नेता हेमंत शेट्टी ने संघ और विश्व हिंदू परिषद को जवाब देने के लिए भारतीय हिंदू परिषद (BHP) नाम का संगठन बनाने का ऐलान किया है. सुनने में ये बात अजीब लगती है कि पूरे देश में धर्मनिरपेक्षता का डंका बजाने वाली कांग्रेस को भी ऐसे संगठन की दरकार है? हालांकि, बीएचपी नाम के इस संगठन से कांग्रेस का सीधे तौर पर कोई ताल्लुक नहीं है.
हेमंत का तर्क है कि बीजेपी और संघ परिवार के लोग हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं और इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका संगठन पुत्तुर जिले से इसके विरोध की शुरुआत करेगा. हो सकता है कि कांग्रेस नेता हेमंत शेट्टी की तरह ये विचार यूपी कांग्रेस या अन्य किसी राज्य के नेता को भी पंसद आ जाए. कांग्रेस का जो बुरा दौर इस वक्त चल रहा है यकीनन उसमें पार्टी के नेता कुछ भी कर सकते हैं. पार्टी में जान फूंकने के लिए आलाकमान को भी चिंता सता रही है. लेकिन जवाब देने का ये कौन सा तरीका हुआ कि भगवा संगठन को जवाब देने के लिए एक और भगवा संगठन बनाया जाए.
इस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में बुनियादी मुद्दों को छोड़कर धर्म, जाति और सम्प्रदाय के नाम पर नए संगठन क्यों स्थापित किए जाएं? हमारे समाज में जो लोग आज भी धर्म की आड़ में भेदभाव का शिकार होते हैं क्या उनके लिए कभी नेताओं ने सोचा है? नहीं, उन्हें केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया जाता है.