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...अब गांवों में पहुंचेगा इंटरनेट और वाई-फाई

वे दिन जल्दी ही हवा हो जाएंगे जब गांव वालों को इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए मोबाइल की छोटी स्क्रीन के भरोसे ही रहना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने दावा किया है कि देश के सभी गांवों को इंटरनेट और वाई-फाई से जोडऩे के लिए 20,000 करोड़ रु. की योजना संचालित की जा रही है.

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वे दिन जल्दी ही हवा हो जाएंगे जब गांव वालों को इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए मोबाइल की छोटी स्क्रीन के भरोसे ही रहना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने दावा किया है कि देश के सभी गांवों को इंटरनेट और वाई-फाई से जोडऩे के लिए 20,000 करोड़ रु. की योजना संचालित की जा रही है.

इस योजना पर अक्टूबर 2011 से ही काम शुरू हो चुका है. इस योजना के पायलट चरण में अब तक राजस्थान के अजमेर जिले में अरेन ब्लॉक की 30 ग्राम पंचायतों, त्रिपुरा के उत्तर त्रिपुरा जिले में पानीसागर ब्लाक की 15 ग्राम पंचायतों, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में पारावादा ब्लॉक की 14 ग्राम पंचायतों को कवर करने के लिए तीन प्रयोगिक परियोजनाओं को पूरा किया गया है. इन तीन प्रायोगिक परियोजना ब्लॉकों के 59 ग्राम पंचायतों को 100 मेगाहर्टज बैडविड्थ प्रदान किया गया है.

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इंटरनेट और वाई-फाई योजना के लिए सरकार ने देश की सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से कनेक्ट करने के लिए राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) को सृजित करने से संबंधित परियोजना को 25.10.2011 को मंजूर किया है.

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परियोजना पर 20,000 करोड़ रुपये के खर्च होने का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है. इस परियोजना का वित्त पोषण सेवा दायित्व निधि द्वारा किया जा रहा है और पश्चिम बंगाल तथा संघ राज्य क्षेत्रो के साथ निशुल्क मार्गाधिकार (आरओडब्ल्यू) के लिए त्रिपक्षीय समझोता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं लेकिन इसमें हरियाणा, तमिलनाडु राज्य और चंडीगढ़ तथा लक्ष्यद्वीप केंद्र शासित क्षेत्र शामिल नहीं हैं.

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