जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. इसके बाद से सुरक्षा से जुड़े अन्य परतें भी खुल रही हैं. खुफिया सूत्रों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर कश्मीर में भारतीय सुरक्षा काफिले पर हमले की साजिश में पहले से ही जुटे हुए थे. पिछले साल रमजान के महीने से ही ऐसे हमलों के लिए 150 आतंकियों का दस्ता तैयार किया गया था. इसके लिए 20 कश्मीरी युवाओं का भी ब्रेन वाश किया गया था. सुरक्षा एजेंसियों ने जैश के कारगुजारियों का कच्चा चिट्ठा तैयार किया है. अब सुरक्षा एजेंसियां जैश का डॉजियर तैयार कर रही हैं.
इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रही है. जैश फिदायीन दस्ता बनाकर कश्मीर घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पाक अधिकृत कश्मीर के नयाली ट्रेनिंग कैम्प में 150 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को विशेष तरीके की ट्रेनिंग दिला रहा है. इसके बाद इन आतंकवादियों को सीमा पार से घुसपैठ कराने का प्लान था. इस ट्रेनिंग में इन आतंकियों का ब्रेनवाश करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद का सेकंड इन कमांड "अब्दुल रऊफ" कई बार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद नायली के आतंकी कैम्प का दौरा कर चुका है.
जैश के आतंकियों की खास ट्रेनिंग
पाकिस्तान कश्मीर घाटी में इसीलिए जैश के आतंकियों पर ज्यादा भरोसा कर रहा है. क्योंकि जैश के आतंकियों को पाक आर्मी और ISI के निर्देश के अनुसार खास तरीके की ट्रेनिंग दी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक़ PoK से भर्ती किए गए आतंकियों को टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए जैश के आका उनको बहावलपुर में अपने हेड ऑफिस के अंडरग्राउंड टेक रूम में "टेक्निकल वॉर" की ट्रैनिंग देकर आगे की ट्रेनिंग के लिए भेजते हैं.
यहीं पर शामिल किए गए आतंकियों का ब्रेनवाश भी किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण की ट्रेनिंग के बाद जैश-ए-मोहम्मद अपने जिहादी ग्रुप को ग्राउंड ट्रेनिंग के लिए PoK के कैम्प में भेजता है. यहां पर आतंकियों को खतरनाक ट्रेनिंग तो दी जाती है. यहीं पर उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों पर फ़िदायीन हमले करने के लिए तैयार किया जाता है.
खुफ़िया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैश के आका नए आतंकियों की भर्ती और फंड जुटाने में भी लगा हुआ है. बताया जा रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के लीडर अब्दुल रऊफ असगर ने हाल ही में पाकिस्तान के कराची में दौरा-ए-तफसीरियात-अल-जिहाद को संगठित कर मजहब के नाम पर पैसे डोनेट करने के लिए कहा था. आतंकी सरगना अब्दुल रऊफ ने कराची में 6 दिनों तक चलाए गए दौरा-ए-तफसीरियात-अल-जिहाद में लोगों से गुजारिश किया कि जैश के ट्रस्ट अल-रहमत में पैसे इकट्ठा करें. जब जैश के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था तो उस समय भी आतंकियों को पैसा देने और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए अल रहमत ट्रस्ट के जरिये फंड जुटाया गया था. इस ट्रस्ट को ISI से फंड मिलता है. इसीलिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अल रहमत ट्रस्ट पर पूरी नजर रख रही है.
युवाओं की भर्ती में जुटा जैश
जैश को ट्रैक करने में इंटेलिजेंस इनपुट मिला कि मसूद अजहर के "बॉडीगार्ड" ने कश्मीर घाटी के 20 युवाओं को अपने कैडर में शामिल किया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका कश्मीर घाटी के युवाओं को आतंकी राह पर ले जाने के लिए हमेशा नए-नए कदम उठाते रहते हैं. खुफिया एजेंसियों ने एक ऐसा ही इंटरसेप्ट पकड़ा है जिससे जानकारी मिली है कि पाक अधिकृत कश्मीर में बैठे जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर ने घाटी में आतंक को बढ़ावा देने और युवाओं की भर्ती के लिए अपने दो सबसे नजदीकी कमांडरों को घाटी में उतारा है.
युवाओं का करते हैं ब्रेन वाश
सूत्रों के मुताबिक पिछले साल मई में घुसपैठ कर जैश-ए-मोहम्मद के दो कमांडर पुलवामा के नजदीक करीब 20 युवकों को अपने कैडर में शामिल कर चुके हैं. इन कमांडरों में से एक मौलाना मसूद अजहर का "भतीजा" उमर है जो एक ऑपरेशन मारा गया था तो दूसरा मौलाना मसूद अजहर का बॉडीगार्ड रह चुका है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक इन दोनों ने पुलवामा में 20 युवाओं को जैश-ए-मोहम्मद की तंजीम में शामिल कर लिया जिनमें आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार भी था. यह जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर के भड़काऊ वीडियो ब्रेनवाश करने वाले भाषण, टेलीग्राम चैनल अंसार- ए-जैश के जरिए घाटी के युवाओं के बीच में बांटते हैं जिससे युवा रेडिकलाइज होकर आतंकी रास्ते चल पड़ते हैं.
पिछले साल भर में 90 से ज्यादा युवकों ने अलग-अलग आतंकी तंज़ीमों का रास्ता चुना है. खुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक कुल 90 युवकों ने जिन्होंने अलग-अलग आतंकी संगठन का रास्ता चुना है उनमें से 14 आतंकी अनंतनाग से हैं, 38 पुलवामा से हैं, 23 शोपियां से हैं और 15 कुलगाम से हैं. सबसे ज्यादा 38 युवा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से अलग-अलग आतंकी गुटों में शामिल हुए हैं जिनमें फिदायीन हमलावर आदिल अहमद डार भी शामिल था.
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का जैश से सबसे नजदीकी रहा है. अब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रही है और उन आतंकवादियों को फिदायीन दस्ता बनाकर कश्मीर घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश में लगा हुआ है. खुफिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पाक अधिकृत कश्मीर के तेजिन में 100 से 150 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को विशेष तरीके की ट्रेनिंग चल रहा है.