हालांकि इस बार की बैठक इसलिए खास है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों के सैनिकों के बीच सीमा पर चल रही तनातनी कम हुई है. चीनी सेना गलवान में फिंगर 4 प्वाइंट से पीछे हट गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि सामान्य होते हालात के बीच दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की यह पहली बैठक है.
इस बार की बातचीत का एजेंडा सभी विवादित क्षेत्रों में चीनी सैनिकों और शस्त्र हटाने को लेकर होगा. इसके साथ ही पैंगोंग लेक में और पीछे हटने का होगा, फिलहाल वो फिंगर 5 प्वाइंट पर रुके हुए हैं. दोनों पक्ष इस बातचीत के दौरान डिसएंजेगमेंट को लेकर बात आगे बढ़ाएंगे. इसके साथ ही हालात को स्थिर करने के लिए सभी विवादास्पद क्षेत्रों पर भी चर्चा की जाएगी.
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जून महीने से अब तक दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर यह चौथी बैठक होने जा रही है. अंतिम बैठक 30 जून को लद्दाख के चुशूल में हुई थी. इससे पहले की दो बैठकें 6 जून और 22 जून को चीनी हिस्से के मोल्डो में हुई थी. इससे पहले लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर 22 जून को करीब 11 घंटे की मैराथन बैठक हुई थी.
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झड़प में 20 जवान हुए थे शहीद
लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के कई सैनिक हताहत हुए थे. हालांकि चीन ने मारे गए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी साझा नहीं की है.