भारतीय सेना और सशस्त्र बलों ने शुक्रवार को देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को उनकी 17वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. उन्हें ‘सम बहादुर’ के नाम से भी जाना जाता है. 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में भारत की विजय में उनके नेतृत्व की भूमिका को सेना आज भी गौरव के साथ याद करती है.
हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (HQ IDS) ने सोशल मीडिया पर सैम मानेकशॉ को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “सम बहादुर भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की पदवी दी गई. उनके नेतृत्व और सैन्य उत्कृष्टता के प्रति समर्पण ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है.”
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की पुण्यतिथि
भारतीय सेना ने भी X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्हें याद किया. सेना ने लिखा, “फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशॉ, जो 8वें सेना प्रमुख थे, भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल बने. 1971 युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत के वे प्रमुख रणनीतिकार थे. उनकी विरासत आज भी प्रेरणा देती है.”
Field Marshal SHFJ Manekshaw, fondly known as Sam Bahadur, was the 8th #COAS and the 1st Field Marshal of the #IndianArmy. The architect of India’s victory in the 1971 War, his legacy continues to inspire.#IndianArmy pays homage on his death anniversary. pic.twitter.com/mNcKrD32XQ
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 27, 2025
1971 युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत के हीरो
दिल्ली कैंट क्षेत्र में स्थित भारतीय सेना के भव्य कन्वेंशन सेंटर का नाम भी सैम मानेकशॉ के नाम पर रखा गया है. सेना के जवानों और आम नागरिकों के बीच आज भी उनकी तस्वीरें और उद्धरण प्रेरणा का स्रोत हैं. सेना ने उनकी प्रसिद्ध कही गई बात को भी साझा किया, “यदि कोई आदमी यह कहे कि उसे मौत का डर नहीं लगता, तो वह या तो झूठ बोल रहा है या फिर वह गोरखा है.”