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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का समापन, कली पुरी बोलीं- मंथन के दौर से गुजर रहा समाज

इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा कि हम जितने नए विचार आपके साथ शेयर करना चाहते थे, उसके लिए दो दिन पर्याप्त नहीं थे. पिछले 48 घंटे में आप लोगों ने 55 वक्ताओं को सुना है. इस दौरान कॉफी और लंच ब्रेक के लिए भी समय निकालना मुश्किल था.

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इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी

  • इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई एडिशन का हुआ समापन
  • दो दिन में 55 वक्ताओं ने कॉन्क्लेव में रखे विचार

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मुंबई एडिशन का शनिवार को समापन हो गया. समापन समारोह में इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने अतिथियों को धन्यवाद दिया. अपने संबोधन में कली पुरी ने कहा कि हमने मार्च में कॉन्क्लेव का दिल्ली एडिशन आयोजित किया था. उसे प्रधानमंत्री मोदी ने भी संबोधित किया था और वह काफी सफल रहा था. ऐसे में मुंबई एडिशन के पहले मुझे थोड़ी शंका हो रही थी क्या हम कुछ नया कर पाएंगे. क्योंकि आप जैसे दर्शकों को संतुष्ट करना आसान नहीं है.

कली पुरी ने कहा, ''हम जितने नए विचार आपके साथ शेयर करना चाहते थे, उसके लिए दो दिन पर्याप्त नहीं थे. पिछले 48 घंटे में आप लोगों ने 55 वक्ताओं को सुना है. इस दौरान कॉफी और लंच ब्रेक के लिए भी समय निकालना मुश्किल था.''

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उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री की घोषणाएं और चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तारीखों के ऐलान ने इस कॉन्क्लेव को और ज्वलंत बना दिया. हम इसके लिए इससे बेहतर योजना नहीं बना सकते थे. शायद बालीवुड की नगरी में इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.

'सुनकर भी चुप रहना खतरनाक'

कली पुरी ने कहा, 'मैं पिछले 18 साल में 24 कॉन्क्लेव में शामिल रही हूं. इसके अनुभवों से मैं कह सकती हूं कि हम एक बड़े मंथन के दौर से गुजर रहे हैं. पुरानी मान्यताएं, परंपराएं, धारणाएं और इतिहास को चुनौती दी जा रही है. वे सब बदल रहे हैं. आज हमें कुछ स्थापित सत्यों पर गहन मंथन करने की जरूरत है. इसके संकेत के लिए हमें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है. यह हमारे परिवार, दोस्तों, स्कूल, कॉलेजों और वाट्सएप ग्रुप पर मिल जाते हैं. हम विचारों के एक उन्माद के दौर में हैं. हम लगातार बातें करते हैं. हम लगातार गरमा-गरम बहस सुनते हैं. यही समस्या है. लेकिन सबसे खतरनाक है सब कुछ सुनकर भी चुप रह जाना.''

कली पुरी ने कहा कि आज फेक न्यूज हमारे पूर्वाग्रह की पुष्टि करता है. इन फेक न्यूज पर विश्वास करना ज्यादा आसान है. ऐसे में यह फर्क करना मुश्किल हो जाता है कि सच क्या है. लेकिन अगर हम अपने पूर्वाग्रह पर सवाल नहीं उठाते हैं तो हम लोकतंत्र के साथ न्याय नहीं करते हैं. अस्पष्टता नई सच्चाई है. हमने इसलिए कॉन्क्लेव का आयोजन किया, ताकि आप कहानी के हर पहलुओं को सुन सकें ताकि आपको फैसला लेने में आसानी हो, सच्चाई समझने में सहूलियत हो. अगर कॉन्क्लेव में शामिल होने के बाद आपके दिमाग में और ज्यादा सवाल हैं तो मैं समझती हूं कि हम आयोजन में सफल हो गए.

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कली पुरी ने अपने संबोधन के अंत में सभी गेस्ट, वक्ताओं और दर्शकों को शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने स्पॉन्सर आईटीसी को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उनकी स्वादिष्ट कॉफी और चॉकलेट के बिना ये आयोजन आसान नहीं था. कली पुरी ने को-स्पॉन्सर RPG Goenka और Hyundai को भी धन्यवाद दिया.

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