कोरोना संकट और चीन सीमा विवाद पर आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हो रही है. इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम समेत कई नेता मौजूद हैं. कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
सोनिया गांधी ने कहा कि भारत आज एक भयानक आर्थिक संकट, महामारी और अब चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर विवाद के कारण संकट की चपेट में है. हर संकट का कारण भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार का कुप्रबंधन और इसकी गलत नीतियों हैं.
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आर्थिक पैकेज पर उठाए सवाल
आर्थिक संकट को दूर करने की सलाह देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत गरीबों, एमएसएमई सेक्टर को बड़े पैमाने पर राजकोषिय प्रोत्साहन देने की है. इसके बजाय मोदी सरकार ने एक खोखले वित्तीय पैकेज की घोषणा की, जो जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम था.
सोनिया गांधी ने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो रही है, तब सरकार लगातार 17 दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी कर रही है. चीन सीमा पर विवाद जारी है, लेकिन भविष्य में क्या होगा हमें नहीं पता है.
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कोरोना संकट पर सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद कोरोना महामारी का कहर जारी है. केंद्र ने राज्य सरकारों को मदद का आश्वासन दिया, लेकिन एक भी रूपया नहीं दिया. महामारी के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की सबसे विनाशकारी विफलताओं में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा.
सोनिया गांधी ने कहा कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अब हमारे सामने बड़े संकट की स्थिति है. इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अप्रैल-मई, 2020 से लेकर अब तक चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र और गालवान घाटी, लद्दाख में हमारी सीमा में घुसपैठ की है. अपने चरित्र के अनुरूप सरकार सच्चाई से मुंह मोड़ रही है.
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मनमोहन सिंह ने भी साधा निशाना
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए जिस साहस और प्रयास की आवश्यकता है, उससे महामारी का सामना नहीं किया जा रहा है. चीन विवाद अगर दृढ़ता से नहीं निपटता है, तो गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. मैं सोनिया जी की टिप्पणी का भी समर्थन करता हूं.