वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रहेगी. हालांकि, साथ ही उन्होंने देश के कृषि क्षेत्र पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जीडीपी की ऊंची दर को कायम रखने के लिए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर सालाना चार प्रतिशत की रहे.
वित्त मंत्री ने एक टीवी चैनल कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘इस बात की काफी संभावना है कि हम 2010-11 में 8.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकेंगे.’ यह पूछे जाने पर कि क्या भारत की आर्थिक वृद्धि अपने भरोसे आगे बढ़ सकती है या फिर उसे सरकार के प्रोत्साहन की जरूरत है, मुखर्जी ने कहा, ‘निश्चित तौर पर कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण है.’
मुखर्जी ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर दस प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जबकि सेवा क्षेत्र भी विकास में योगदान कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र चिंता का कारण है. 9 प्रतिशत की ऊंची आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए जरूरी है कि लंबी अवधि तक कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर निरंतर चार प्रतिशत की बनी रहे.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे, मुखर्जी ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि मैं 5.5 प्रतिशत के स्तर को हासिल कर पाउंगा.’
वित्त मंत्री ने कहा कि राजकोषीय स्थिति को मजबूत करना मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. साथ ही उंची वृद्धि दर को कायम रखना. ‘मैं नहीं चाहूंगा कि राजकोषीय स्थिति को कमजोर करने की एवज में वृद्धि हासिल की जाए. मैं बेहद मौद्रिकात्मक नीति अपनाकर विकास की प्रक्रिया में बाधा नहीं डालना चाहूंगा.’
मुखर्जी ने कहा कि सरकार को 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से जो अतिरिक्त राशि मिली है उससे राजकोषीय घाटे को कम करने का कुछ रास्ता मिल गया है.
सरकार ने 3जी और ब्राडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) की नीलामी से 35,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. वहीं सिर्फ 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से ही सरकार को 67,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिल गया है. बीडब्ल्यूए की नीलामी अभी शुरू नहीं हुई है.