बेंगलुरु के पास एक मंदिर के अंदर जाने पर एक बच्चे को बुरी तरह मारा-पीटा गया. बच्चे का 'कसूर' बस इतना था कि वह दलित समुदाय का है. महादलित लड़के को जिंदा जलाया
घटना बीते रविवार की बताई जाती है. 8 साल का संतोष जब नेलामंगला स्थित रुद्रेश्वर स्वामी मंदिर के गर्भगृह में चला गया, तो पुजारी ने उसकी खूब पिटाई की.
दरअसल, संतोष मंदिर परिसर में ही खेल रहा था. इसी बीच मंदिर का एक पुजारी वहां मौजूद लोगों को प्रसाद बांटने लगा. प्रसाद बंटता देखकर संतोष भी पंडित के पीछे-पीछे मंदिर के गर्भगृह में चला गया. इसी बात से नाराज होकर पुजारी ने बच्चे की बुरी तरह पिटाई कर दी.
जब बच्चा अपने घर लौटा, तो उसके माथे से खून बहता देखकर माता-पिता बेहद दुखी हुए. जब वे शिकायत करने मंदिर पहुंचे, तो पुजारियों ने उसके माता-पिता से कहा कि वे इस घटना को भूल जाएं. बताया जा रहा है कि मंदिर के लोगों ने उसके माता-पिता के अंगूठे का निशान सादे कागज पर भी ले लिया, ताकि आगे किसी कार्रवाई से बचा जा सके.
वैसे दक्षिण भारत के ज्यादातर मंदिरों में जहां मूर्तियां रखी होती हैं, वहां आम तौर पर केवल पुजारी ही जाते हैं. बहरहाल, घटना सामने आने के बाद दलित संघर्ष समिति ने इसे गंभीरता से लिया है. मामला तूल पकड़ चुका है, पर अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.