हाईटेक सिटी गुड़गांव की हाईप्रोफाइल सोसाइटी में 2 बजे रात को एक फ्लैट में तीन गोलियां चलती है और दो लाशें गिरती हैं. एक लाश महिला की और दूसरी लाश एक मर्द की. लेकिन रात के सन्नाटे में फ्लैट में गोलियां क्यों चलीं ये किसी की समझ में नहीं आ रहा था. मरने वाले दो लोगों में से पहली गोली किसने चलाई, यानी पुलिस को अब ये पता लगाना है कि हत्यारा कौन?
आधी रात के वक्त पूरा शहर नींद की आगोश में था लेकिन गुड़गांव के सेक्टर 52 के आरडी सिटी के फ्लैट नंबर 17 C की दूसरी मंजिल में कुछ चल रहा था. यहां मौजूद दो लोगों की आंखों से नींद कोसों दूर थी. घर में दो साए चहलकदमी कर रहे थे बड़ी बेचैनी और खामोशी के साथ.
17 सी की छत के नीचे रात को एक महिला और एक मर्द मौजूद हैं. दोनों ही साए किसी कश्मकश में हैं. इसी बीच एक साए के हाथ में पिस्तौल दिखाई देती है. ये साया हाथ में पिस्तौल लिए चहलकदमी करने लगता है और तभी घर की लॉबी में एक फायर होती है. कुछ ही सेकेंड के बाद एक दूसरी गोली चलती है और चंद सेकेंड बाद तीसरी गोली की आवाज़ के साथ ही फ्लैट में एक खामोशी सी छा जाती है.
इस फायर के बाद फ्लैट की लॉबी में दो लोग लहुलुहान होकर गिर पड़ते हैं. इन दो लोगों में से एक महिला है और दूसरा पुरुष. घर का दरवाजा अंदर से बंद है और घर में अब दो-दो लाशें पड़ी हैं. ये लाशें किसकी हैं ये फिलहाल कोई नहीं जानता.
अब सवाल ये है कि गुड़गांव की हाईप्रोफाइल सोसाइटी के फ्लैट में ये दो लोग कौन मौजूद थे? रात के दो बजे घर में गोलीबारी क्यों हुई? किसने किसपर गोली चलाई? मरनेवाली महिला कौन है? मरने वाला शख्स कौन है? फ्लैट नंबर 17 सी में दो मौतों का राज क्या है? आधी रात की दो-दो लाशों का सच क्या है. रात के अंधेरे में दो-दो मौत की ये वो उलझी पहेली है जिसे सुलझाने में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं.
11 तारीख की सुबह से ही स्पेशल सेल के अफसर अपने तेज तर्रार इंसपेक्टर बद्रीश दत्त के मोबाइल पर कॉल कर रहे थे लेकिन घंटों गुजर जाने के बाद भी बद्रीश का फोन नही उठा तो पुलिस अफसरों को दत्त की फिक्र सताने लगी. पुलिस अफसरो की बेचैनी इस कदर बढ़ी कि उन्होने उस फ्लैट का रुख किया जहां बद्रीश दत्त अक्सर रात में रुका करते थे.
इस घर की नौकरानी सुबह 11 बजे से लगातार घर की घंटी बजाए जा रही है लेकिन घर के अंदर से कोई भी दरवाजा नहीं खोल रहा था. घर में बिल्कुल खामोशी सी छाई थी. अभी नौकरानी दरवाजे के खुलने का इंतजार ही कर रही थी कि कुछ पुलिस अफसर फ्लैट में पहुंचते हैं और दरवाजे की बेल बजाते हैं. काफी देर तक दरवाजा ना खुलता देख पुलिस के अफसर दरवाजा तोड़ देते हैं.
घर का मेन दरवाजा टूटते ही ये अफसर घर की लॉबी में दाखिल होते हैं और जैसे ही लॉबी में चंद कदम आगे बढ़ते हैं पुलिस अफसरों के भी पैरों तले से जमीन खिसक जाती है. जी हां घर की लॉबी में एक महिला की खून से लथपथ लाश पड़ी थी. महिला के लाश के साथ ही एक पिस्टल पड़ा था. महिला की लाश के बिल्कुल नजदीक एक शख्स की लाश पड़ी थी. ये लाश किसी और की नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात इंसपेक्टर बद्रीश दत्त की थी. दोनों के सिर में गोली लगी थी वो भी आरपार हो चुकी थी.
पुलिस ने जब महिला की लाश कि शिनाख्त की तो पता चला कि ये लाश गीता शर्मा नाम कि महिला की है. जो गुड़गांव में ही एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी चलाया करती थी. जिस फ्लैट में पुलिस को ये दोनों लाशें मिली वो फ्लैट भी गीता शर्मा का ही है, गीता इस घर में पिछले 9 साल से रह रही थी.
घर में दो मौतों का ये मामला बड़ा था लिहाजा दिल्ली और गुड़गांव के बड़े अफसरों का मौका-ए-वारदात पर आना जाना शुरू हो गया. शुरुआती जांच में पुलिस को ये लगा कि चूंकि पिस्तौल महिला के हाथ के दाहिनी तरफ था लिहाजा ऐसा लगता है कि पहले महिला ने इंसपेक्टर को गोली मारी फिर खुद के सिर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली. लेकिन ये महज एक कयास था इसलिए मौका-ए-वारदात पर आखिर क्या हुआ, किसने किसे गोली मारी ये जानने के लिए जिले की फॉरेंसिक टीम को भी बुला लिया गया.
दरअसल जिस इंसपेक्टर बद्रीश की लाश फ्लैट में मिली थी. उनकी गिनती दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दबंग अफसरों में होती थी. बद्रीश ने पार्लियामेंट अटैक से लेकर बटला हाउस और तमाम टेरेरिस्ट के माड्यूल को नेस्तनाबूत करने का काम किया था. लेकिन पुलिस की समझ में ये नहीं आ रहा था कि बद्रीश इस फ्लैट में क्या कर रहे थे. जबकि उनका परिवार तो फरीदाबाद में रहता है और वो पहले से शादीशुदा हैं.
अब सवाल ये था कि आखिर दिल्ली पुलिस का इंसपेक्टर गुड़गांव में एक महिला के फ्लैट में क्या कर रहा था. गीता शर्मा से बद्रीश का रिश्ता क्या था और सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर रात के दो बजे फलैट में गोली बारी की नौबत क्यों आ गई. इन सवालों में सबसे पेंचीदा सवाल ये कि आखिर किसने, किसको गोली मारी. यानी इन दोनों मे से कत्ल करके खुदकुशी करने वाला कौन है. गीता शर्मा ने इंसपेक्टर बद्रीश का कत्ल किया और फिर खुदकुशी कर ली या फिर इंसपेक्टर ने गीता का कत्ल करने के बाद खुद को गोली मार ली.
दिल्ली पुलिस का एक सुपरकॉप, गुड़गांव की एक खूबसूरत जासूस और एक फ्लैट. इस फ्लैट में दोनों की लाश. गुड़गांव के फ्लैट नंबर 17 सी की ये वो मिस्ट्री है जिसने पुलिस के पसीने छुड़ा दिए हैं. जी हां पुलिस के सामने दो अहम सवाल हैं पहला ये कि पहली गोली किसने चलाई और दूसरा सवाल ये कि गोली क्यों चलाई गई.
ये वो सुलगते सवाल हैं जिनका जवाब वारदात के 24 घंटे बाद खुद गुड़गांव पुलिस तलाश रही है. इंसपेक्टर बद्रीश की लाश जमीन पर पड़ी थी और उनसे बिल्कुल सटी हुई गीता शर्मा की लाश थी. गीता के दाहिने हाथ की तरफ बद्रीश का सर्विस बोर ग्लॉक पिस्तौल पड़ा था. जबकि गोली दोनों के सिर में लगी थी. गीता के सिर में गोली दाहिनी तरफ से लगी थी जबकि बदरीश के सिर में गोली बाईं ओर से लगी दिखाई दे रही थी.
शुरुआती जांच में फॉरेंसिक एक्सपर्ट को इतना तो साफ हो जाता है कि दोनों राइट हैंडर थे लिहाजा बद्रीश सीधे हाथ से बायीं कनपटी पर गोली नहीं मार सकते. जबकि गीता सीधे हाथ से अपनी दाहिनी कनपटी पर गोली आसानी से चला सकती हैं. यानी यूं लगा कि गीता ने पहले इंसपेक्टर बद्रीश को गोली मारी और फौरन बाद ही खुद की कनपटी से पिस्तौल सटाकर खुदकुशी कर ली.
दोनों लाशों को देखकर ये मान लिया गया कि पहले गोली गीता ने चलाई और फिर खुदकुशी कर ली. लेकिन हैरानी की बात ये है कि वारदात के 24 घंटे बाद ही गुड़गांव पुलिस की ये थ्योरी भी उस वक्त फेल हो गई. जब पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने एक अहम खुलासा किया. जी हां खुलासा ये कि इंसपेक्टर बद्रीश को गोली दाहिनी कनपटी पर लगी और बाईं तरफ से बाहर निकल गई. जबकि गीता के सिर में गोली ऊपरी हिस्से में लगी. यानी पहली गोली गीता ने नहीं बल्कि इंसपेक्टर बद्रीश ने चलाई और फिर खुदकुशी कर ली.
अब गुड़गांव की दो-दो मौतों की ये गुत्थी डॉक्टर के इस बयान के बाद और भी उलझती नजर आ रही है. सवाल अब भी वही बना हुआ है कि आखिर गोली पहले किसने चलाई और रात के दो बजे हुई इस फायरिंग के पीछे की असली वजह क्या है?
इंसपेक्टर बद्रीश शादीशुदा थे, इसके बावजूद वो लिव-इन रिलशन में गीता शर्मा के साथ रहा करते थे. बद्रीश की बीवी का कहना है कि उनके पति जल्द ही घर वापसी करने वाले थे. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या बद्रीश की घर वापसी का फैसला ही दो मौतों की वजह बन गया? या फिर गीता शर्मा की जासूसी दुनिया से दो मौतों का रिश्ता जुड़ा है.
1991 बैच के तेज तर्रा पुलिस अफर बद्रीश की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये कि बद्रीश का गीता शर्मा से रिश्ता क्या था. दरअसल बद्रीश की शादी 1999 में रुचि के साथ हुई थी. दोनों कि जिदंगी हंसी-खुशी गुजर रही थी. इसी दौरान बद्रीश कि जिंदगी में गीता शर्मा ने कदम रखा और बद्रीश गीता के बेहद करीब आ गए.
डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाली गीता भी तलाकशुदा थी. वक्त के साथ गीता से बद्रीश की नजदीकियां इस कदर बढ़ी कि दोनों अब एक ही प्लैट में साथ रहने लगे. पुलिस की माने गीता शर्मा के ऊपर कई फ्रॉड के केस चल रहे हैं इसी साल फर्जी तरीके से एमएचए के स्टीकर का इस्तेमाल करने के इल्जाम में गीता को 21 दिन की जेल भी काटनी पड़ी थी. गीता ने अपनी डायरी में लिखा भी था कि बद्रीश उससे मिलने जेल नहीं गए. जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद ही बद्रीश और गीता में झगड़े शुरू हो गए थे.
इंसपेक्टर बद्रीश की पत्नी के मुताबिक उनको अपने पति के गीता से रिश्तों की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद वो तलाक नहीं लेना चाहती थीं. दरअसल बीवी से अलग होने के बाद से ही बद्रीश गीता के साथ ही रहा करते थे और अब पुलिस भी ये ही मानकर चल रही है कि गीता का क्रिमिनल रिकॉर्ड और पारिवारिक कलह ही इन दो मौतों की असली वजह है.