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सरकार से बोली कांग्रेस- आपके सहयोगी दल ही कर रहे संसद में हंगामा

कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि पूर्व में जब विपक्ष के नेता सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो उन पर कार्रवाई की जाती थी, उन्हें निलंबित किया जाता था. लेकिन आज सत्तारूढ़ दल के घटक दल के सदस्य ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, आसन के समक्ष तख्तियां लेकर खड़े हो जाते हैं.

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कांग्रेस नेताओं की प्रेसवार्ता
कांग्रेस नेताओं की प्रेसवार्ता

संसद में गतिरोध के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को सत्ताधारी दल बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी के सहयोगी दल ही संसद में गतिरोध उत्पन्न कर रहे हैं और सरकार की ओर से उन्हें मनाने के अलावा विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत करने की कोई पहल नहीं की जा रही है.

कांग्रेस ने कहा कि सरकार संसद में चर्चा से भाग रही है और विपक्ष को सदन में उसकी बात कहने का मौका नहीं दिया जा रहा है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ है, कांग्रेस पीएनबी घोटाला और उसके आरोपी नीरव मोदी से जुड़े मुद्दे को कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिये उठाने का प्रयास कर रही है. इसके लिए पार्टी की ओर से बराबर नोटिस भी दिया जा रहा है.

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सदन में नहीं मिल रहा मौका

खड़गे ने कहा कि सरकार स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा नहीं करना चाहती है. इससे यह जाहिर हो रहा है कि सरकार इस मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए अलग-अलग मुद्दों को उठा रही है. उन्होंने कहा कि अन्य दलों की ओर से भी सदन में जो मुद्दे उठाये जा रहे हैं, जैसे टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का मुद्दा या AIADMK कावेरी मुद्दा उठाया जाना, उनकी आड़ लेकर सरकार कह रही है कि सदन में कोई एक मुद्दा नहीं उठाया जा रहा है.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा, ‘मैं खुले तौर पर यह कहना चाहता हूं कि यह सब सरकार की शह पर किया जा रहा है.’ सरकार से सवाल करते हुए खड़गे ने कहा कि महत्वपूर्ण विषयों पर संसद में चर्चा से भाग क्यों रही है? उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने आज लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपा है. खड़गे ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि सदन में विपक्ष को उसकी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है.

हंगामे के लिए सरकार जिम्मेदार

खड़गे ने कहा कि सरकार एक तरफ तो सदन में चर्चा से भाग रही है और वहीं वह बाहर आकर विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाती है. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए कलंक की बात है. उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष चर्चा से भाग रहा होता तो वह कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का नोटिस क्यों देता?

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कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि पूर्व में जब विपक्ष के नेता सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो उन पर कार्रवाई की जाती थी, उन्हें निलंबित किया जाता था. लेकिन आज सत्तारूढ़ दल के घटक दल के सदस्य ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, आसन के समक्ष तख्तियां लेकर खड़े हो जाते हैं. लेकिन दो मिनट के भीतर सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया जाता है.

खड़गे ने आरोप लगाया कि यह सब लोकतंत्र को खत्म करने का तरीका है. प्रधानमंत्री कोई रूचि नहीं ले रहे हैं. सात दिन गतिरोध के हो गये हैं. उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री को कोई निर्देश नहीं दिया है. विपक्ष के नेताओं के साथ कोई बैठक भी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने सहयोगी दलों को क्यों नहीं मना रही है? उनसे बातचीत क्यों नहीं की जा रही है?

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