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बंगाल में BJP की 250 सीटों पर नजर, 'चेक एंड बैलेंस' की रणनीति पर काम शुरू

फिलहाल टीएमसी नेताओं खासकर विधायकों को बीजेपी में शामिल होने से रोका जाएगा क्योंकि इससे पहले पार्टी को होने वाले नफा-नुकसान के बारे में मंथन होगा.

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बंगाल में बीजेपी की रैली (फाइल फोटो)
बंगाल में बीजेपी की रैली (फाइल फोटो)

भारतीय जनता पार्टी बंगाल में विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है. पार्टी का ध्यान कुल 295 में 250 सीटें जीतने पर है. इसके लिए रणनीति बननी भी शुरू हो गई है. ज्यादा से ज्यादा टीएमसी नेताओं को अपने पाले में तोड़कर जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ बनाने में बीजेपी जुट गई है. 2021 में बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं.

ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, बीजेपी की इस तैयारी को ज्यादा भाव नहीं दे रही और उसका मानना है कि 2021 के चुनाव में टीएमसी फिर बहुमत से सरकार बनाएगी. टीएमसी का कहना है कि बीजेपी के सरकार बनाने के सपने चकनाचूर हो जाएंगे. बीजेपी नेता और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने पीटीआई से कहा, 'लोकसभा चुनाव में हमने 23 सीटों का लक्ष्य रखा था और उसमें 18 पर जीत दर्ज की. अब विधानसभा चुनाव में हमारा ध्यान 250 सीटों पर है. हमलोग इस दिशा में कार्ययोजना बनाएंगे और लक्ष्य पाने की दिशा में काम करेंगे.'

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लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में भारी सियासी बदलाव देखने को मिला है. बीजेपी ने टीएमसी और सीपीएम नेताओं-कैडरों को तोड़कर अपने पाले में मिलाया है जिसका फायदा उसे लोकसभा चुनावों में देखने को मिला है. 2014 में टीएमसी को 34 सीटें मिली थीं जो 2019 में घटकर 22 पर आ गई. कांग्रेस को 4 के बदले 2 सीटें मिलीं जबकि सीपीएम अपना खाता भी नहीं खोल पाई. जबकि बीजेपी 2 सीटों से बढ़कर 18 पर पहुंच गई.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक बंगाल यूनिट बराबर केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में है और चुनावी रणनीति बनाने पर काम चल रहा है. फिलहाल टीएमसी नेताओं खासकर विधायकों को बीजेपी में शामिल होने से रोका जाएगा क्योंकि इससे पहले पार्टी को होने वाले नफा-नुकसान के बारे में मंथन होगा. सूत्रों के मुताबकि अन्य पार्टी के वैसे नेताओं को ही शामिल किया जाएगा जिनकी अच्छी छवि हो और जो संगठन स्तर पर अच्छी कुशलता रखते हों.

पार्टी इस रणनीति पर इसलिए आगे बढ़ना चाहती है क्योंकि अभी हाल में शामिल इस्लाम को लेकर बीजेपी की काफी किरकिरी हुई है. टीएमसी विधायक इस्लाम पहले तो बीजेपी में शामिल हुए, फिर वापस टीएमसी में लौट गए. इस्लाम को शामिल करने को लेकर पार्टी नेताओं में काफी मतभेद थे. बीजेपी चुनाव से पहले संगठन स्तर पर भी बड़े बदलाव करना चाहती है. विजयवर्गीय ने पीटीआई भाषा से कहा, 'हमारी पार्टी जिन जिलों में कमजोर है वहां संगठन में बड़े बदलाव होंगे. जिन जिलों और स्थानीय इलाकों में सिर्फ पद के नाम पर भर्तियां की गई थीं, उन्हें हटाया जाएगा लेकिन जो पुराने लोग हैं और जिनकी संगठन कार्यक्षमता मजबूत है उन्हें रखा जाएगा.'

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बीजेपी लोकसभा चुनावों में पार्टी के परफॉरमेंस को देखते हुए इलाकों को ए, बी, सी और डी कैटगरी में बांटेगी. जिन 130 सीटों पर परफॉरमेंस अच्छा था उसे ए, 65 सीटों पर पार्टी कमजोर रही उसे बी कैटगरी, उन सीटों पर जहां बड़े अंतर से दूसरे नंबर पर रही उसे सी कैटगरी और जहां पार्टी तीसरे स्थान पर रही उसे डी कैटगरी में रखा जाएगा. पार्टी का ध्यान सभी क्षेत्रों में रहेगा लेकिन ए, बी और सी कैटगरी के इलाकों पर खास ध्यान रहेगा. इन्हीं तीन सीटों पर जीत का जोर लगाने की तैयारी है.

एक बीजेपी नेता ने कहा, 'आद्योगिक इलाके खासकर सिंगूर में उद्योग का मुद्दा काफी चर्चा में रहेगा. सिंगूर में टीएमसी की वजह से टाटा मोटर्स को हटना पड़ा था. सीमाई इलाकों में सिटिजनशिप और एनआरसी का मुद्दा छाया रहेगा. इसके अलावा कई जिलों में खेती, उद्योग और रोजगार जैसे मुद्दे पर सुर्खियों में रहेंगे.'        

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