जम्मू-कश्मीर में 3जी और 4जी सेवाओं पर प्रतिबंध जारी रहेगा. प्रशासन ने 3जी और 4जी सेवाओं पर प्रतिबंध 24 फरवरी तक के लिए और बढ़ा दिया है. घाटी के लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट के इस्तेमाल से अभी कुछ दिन और दूर रहना पड़ सकता है.
घाटी में 2जी सेवाएं जारी रहेंगी. 2जी नेटवर्क के साथ 1400 से ज्यादा वेबसाइट जम्मू और कश्मीर में परमिटेड हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है. सोशल मीडिया पर प्रशासन ने अब भी प्रतिबंध लगाया है. जम्मू और कश्मीर से जब से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है और केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है तब से घाटी में प्रशासनिक पाबंदियां लागू हैं.
5 अगस्त से ही घाटी के दिग्गज नेता हिरासत में लिए में गए हैं, उनमें से कुछ पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट(पीएसए) लगाया गया है. घाटी की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने एहतिहातन कई जगहों पर इंटरनेट पर पाबंदी भी लगाई है.
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अस्थाई है हाई स्पीड इंटरनेट पर रोक
प्रशासन का दावा है कि घाटी में मोबाइल डेटा पर प्रतिबंध केवल सीमित अवधि के लिए है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि हाल के दिनों में लगातार घाटी में अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है. लोग अफवाह फैलाकर जम्मू और कश्मीर की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. इसी वजह से अस्थाई तौर पर कुछ दिनों के लिए घाटी में इंटरनेट बैन करने का आदेश जारी किया गया है.
प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में लोगों को निर्देश दिया गया है कि लोग इंटरनेट पर कुछ भी ऐसा न अपलोड करें जिससे राज्य का हित प्रभावित हो, या जो लोगों को राज्य के खिलाफ उकसाता हो.
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प्रशासन की ओर से जारी आदेश
24 जनवरी को बहाल हुई थी सेवाएं
24 जनवरी को घाटी में 2जी मोबाइल सेवाओं को शुरू कर दिया गया था. पोस्टपेड और प्रीपेड मोबाइल फोन की सुविधाएं भी शुरू कर दी गई थीं. 5 महीनों तक घाटी में लगातार प्रतिबंध जारी था. हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहले केवल 301 वेबसाइटों को ही खोलने की अनुमति दी थी.
टेलीकॉम सेवाओं पर लगी थी पाबंदी
टेलीकॉम सेवाओं पर जैसी ही अनुच्छेद 370 हटाया गया था प्रशासन ने रोक लगा दी थी. केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म करते हुए केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. साथ ही राज्य का बंटवारा करते हुए लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर मान्यता दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने पर नाराजगी जाहिर की थी और यह भी कहा था कि घाटी में इंटरनेट सुविधाएं बहाल की जाएं.