मुंबई में आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के बहाने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि खुशी है कि आरे में पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए कार्यकर्ता सक्षम थे. आश्चर्य की बात है कि बोलने और अभिव्यक्ति के लिए कश्मीरियों को उनके अधिकार से क्यों वंचित किया गया है.
केंद्र सरकार का दावा है कि कश्मीरी भी अन्य भारतीयों के बराबर हैं, लेकिन सच यह है कि उनके मौलिक अधिकारों को छीन लिया गया है.'
महबूबा की यह टिप्पणी किसलिए?Glad that activists were able to stop felling of trees at Aarey. One wonders why Kashmiris have been deprived of the very same right to free speech & expression. GOI claims they are now at par with other Indians but truth is they’ve been stripped of even fundamental rights.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 7, 2019
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की यह टिप्पणी उस समय आई जब मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार सुबह फौरी तौर पर रोक लगा दी. छात्रों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अगली सुनवाई तक पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से अभी की ताजी रिपोर्ट भी मांगी है और साथ ही सख्त लहजे में ये भी कहा है कि जो भी गलत है, वो गलत है. अभी 21 अक्टूबर तक वहां पर यथास्थिति बनी रहेगी.
लेकिन इस बीच पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेताओं ने अपनी पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती से मुलाकात टाल दी है. 18 सदस्यीय पीडीपी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल वेद महाजन की अगुवाई में सोमवार को श्रीनगर जाकर महबूबा मुफ्ती से मुलाकात करने वाला था.
नजरबंद हैं कश्मीर के बड़े नेता
पीडीपी नेताओं को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से सोमवार सुबह 11 बजे मुलाकात करने की इजाजत मिली थी. हालांकि पीडीपी नेताओं ने महबूबा मुफ्ती से मुलाकात का फैसला टालने की वजह नहीं बताई.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत कई राजनीति दल के नेता नजरबंद हैं . हालांकि अब केंद्र सरकार ने जम्मू में सभी राजनीतिक नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है, लेकिन कश्मीर में अब भी नेताओं को नजरबंद रखा गया है. जम्मू में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी समेत कई जैसे दलों के नेताओं को फ्री कर दिया गया है.