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राष्‍ट्रपति ने कहा, हिंसा छोड़ें माओवादी

उग्र विचारधाराओं के प्रवर्तकों और वामपंथी उग्रवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और उनसे तरक्की और विकास के राष्ट्रीय प्रयासों में शामिल होने का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शनिवार को कहा कि बातचीत के जरिये ही मुद्दों का समाधान ढूंढा जा सकता है.

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उग्र विचारधाराओं के प्रवर्तकों और वामपंथी उग्रवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और उनसे तरक्की और विकास के राष्ट्रीय प्रयासों में शामिल होने का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शनिवार को कहा कि बातचीत के जरिये ही मुद्दों का समाधान ढूंढा जा सकता है.

राष्ट्रपति ने 64वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि उग्र विचारधाराओं के प्रवर्तकों और वामपंथी उग्रवाद के हिमायतियों को हिंसा का रास्ता छोड़ देना चाहिए. मैं उनका आह्वान करती हूं कि वे तरक्की और विकास के राष्ट्रीय प्रयासों में शामिल हों. मुझे उम्मीद है कि सिविल समाज के सभी सदस्य और सभी व्यक्ति आगे आकर उनको इस दिशा में आगे बढने में सहयोग देंगे.

बातचीत को संवाद का माध्यम चुने जाने की आवश्यकता बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एक दूसरे की बात सुनने से और एक दूसरे के आपसी नजरिये का आदर करने से तथा एक दूसरे को समझने से हम अपने सामने मौजूद मुद्दों का समाधान ढूंढ सकते हैं.

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राष्ट्रपति ने आतंकवाद को विश्व शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए सबसे बढ़ा खतरा बताते हुए कहा कि आतंकवाद को पराजित करने के लिए विश्व के सभी देशों को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि उन्हें कहीं कोई आश्रय, प्रशिक्षण की जगह, वित्तीय साधन और ढांचागत सहायता न न मिले और उनकी विचारधारा की कोई हिमायत करने वाला न हो.{mospagebreak}

उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि अगर समृद्धि प्राप्त करनी है तो शांति जरूरी है. आतंकवाद विश्व की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए सबसे बढ़ा खतरा है. इसे पराजित करने के लिए विश्व के सभी देशों को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि उन्हें कहीं कोई आश्रय, प्रशिक्षण की जगह, वित्तीय साधन और ढांचागत सहायता न मिले और उनकी विचारधारा की कोई हिमायत करने वाला न हो. विश्व में हिंसा और नफरत का कोई स्थान नहीं हो सकता.

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी सहन नहीं करने की बात करते हुए कहा कि जन सेवा के उच्च मानदंडों को अपनाने से शासन प्रणालियों की कारगरता जरूर कायम होगी और विकास एवं तरक्की कई गुना तेजी से होगी.

उन्होंने कहा कि नीतियां तैयार करने और कार्य क्षेत्र में जाकर अमल में लाने के लिये सरकार में कार्यरत लोगों को शक्तियां दी गयी हैं. यह हमेशा याद रखना चाहिये कि इस शक्ति का प्रयोग जिम्मेदारी से किया जाये.

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राष्ट्रपति ने उच्चतर शिक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बढाने के लिए माध्यमिक शिक्षा भी सभी को उपलब्ध कराने पर जोर दिया और कहा कि शिक्षा के द्वारा सशक्तीकरण जरूरी है क्योंकि इससे अवसरों के बहुत से दरवाजे खुल जाते हैं.

उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि माध्यमिक शिक्षा भी सभी को उपलब्ध हो क्योंकि हमारा प्रयास उच्चतर शिक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बढाने का है. इससे देश को बौद्धिक शक्ति प्राप्त होगी. उन्होंने उन्नत तकनीकों में आगे बने रहने के लिए देश में सभी क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करते हुए प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया. सामाजिक जागरूकता में गिरावट आने और कुछ सामाजिक बुराइयों के जारी रहने पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इसे बदलना होगा.

उन्होंने कहा कि हमें कानून का पालन करना चाहिए और नैतिक उत्थान के लिए भी कार्य करना चाहिए. भौतिकवाद के बढने से एक दूसरे के प्रति संवेदनहीनता भी बढ रही है. आज फिर से नैतिक और सदाचार संबंधी नयी चेतना को साथ लेकर नवीन सफलतायें प्राप्त करने का सबसे बढिया अवसर है. {mospagebreak}

भौतिक ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में भी तेजी लाने पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें नई सड़के, बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली परियोजनाओं की जरूरत है और हमें मौजूदा सुविधाओं में सुधार भी करना होगा. इस बढोत्तरी से हमारी ऐसी ढांचागत कमियां दूर होंगी जो समग्र आर्थिक प्रगति में बाधक हैं और कई नजरियों से उभरती हुई विश्व शक्ति की हमारी छवि से मेल नहीं खाती.

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उन्होंने कहा कि हमारे उद्योगों को प्रगति करते रहना चाहिए और भारतीय कंपनियों को कुशल और वैश्विक रूप से प्रतिस्पद्धी बनने के प्रयास जारी रखने चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरी हरित क्रांति की दिशा में आगे बढने के लिए कृषि क्षेत्र को नयी दिशाओं और ताजा विचारों सहित पूर्णत: अलग चिंतन की जरूरत है ताकि कृषि पैदावार, उत्पाकदकता और मुनाफा बढ सके. यह खाद्य सुरक्षा और कीमतों में स्थिरता के लिए बहुत आवश्यक है.

उन्होंने कृषि को अर्थव्यवस्था के दूसरे क्षेत्रों के साथ जोड़ने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि उद्योगों को कृषि के साथ जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को आधार मिलेगा और कृषि संबंधी व्यापार को बढावा मिलेगा.

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने देशवासियों की शांति, समृद्धि और प्रगति की कामना करते हुए राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों से राष्ट्र के भविष्य को सुदृढ और उज्ज्वल बनाने में योगदान देने का आह्वान किया.

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