अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अपना रुख और कड़ा करते हुए सरकार से मांग की कि उनके ‘जन लोकपाल विधेयक’ को संसद के मौजूदा सत्र में ही 30 अगस्त तक पारित किया जाए अन्यथा वह अपना अनशन जारी रखेंगे.
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तिहाड़ जेल में अपने 67 घंटे के अनशन के बाद रामलीला मैदान पहुंचे हजारे ने संवाददाताओं से कहा कि जब तक जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं होगा मेरा अनशन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार संसद और स्थाई समिति में बहुमत में है और हम चाहते हैं कि सरकार संसद के इसी सत्र में हमारे जन लोकपाल विधेयक को पेश करे और 30 अगस्त तक उसे पारित कराये.
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अन्ना ने कहा कि सरकार सोचती है कि मैं हठी हूं लेकिन मैं जनता की संसद में हूं और मैं कुछ भी गलत मांग नहीं कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि लोकपाल को लेकर लड़ाई पिछले 42 साल से जारी है. कई बार यह विधेयक संसद में पेश हुआ लेकिन पारित नहीं हुआ.
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उन्होंने कहा कि नेता हमसे कहते हैं कि वे चुनकर आये हैं. हम उन्हें बताना चाहते हैं कि वे चुनकर नहीं आये, बल्कि हमने उन्हें चुनकर भेजा है.
हजारे के साथी अरविंद केजरीवाल ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार संसद और स्थाई समिति को ढाल बना रही है और जनता की आवाज नहीं सुन रही है. हम लोकपाल के बुनियादी मुद्दों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से समझौता नहीं कर सकते.
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उन्होंने हजारे पक्ष के सदस्यों के बीच कोई मतभेद होने की बात खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने कुछ मुद्दों पर समझौते की संभावना की जो बात कही थी वह उनका निजी नजरिया था. हजारे पक्ष एकजुट है और अपने रुख को लेकर स्पष्ट है.