पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने देश की मुख्य जांच एजेंसी से कहा है कि वह इंटरपोल से संपर्क करे ताकि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सके.
अदालत ने बेनजीर भुट्टो मामले की सुनवाई करते वक्त फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे परवेज मुशर्रफ के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट जारी किये थे लेकिन वह अदालत में उपस्थित नहीं हुए. कई वर्ष तक निर्वासन में रहने के बाद पाकिस्तान लौटने पर बेनजीर भुट्टो की दिसम्बर 2007 में रावलपिंडी में एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी.
फेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एफआईए) के अभियोजक चौधरी जुल्फिकार ने अदालत से कहा कि मुशर्रफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिये ब्रिटेन के गृह विभाग को तीन पत्र भेजे गये लेकिन पूर्व राष्ट्रपति को इन आदेशों से अवगत नहीं कराया गया. अदालत ने एफआईए को शनिवार को आदेश दिया कि मुशर्रफ की गिरफ्तारी के लिये इंटरपोल से संपर्क करे और दो अप्रैल को जब अदालत में सुनवाई शुरू हो तो उन्हें अवश्य उपस्थित किया जाए. {mospagebreak}
अभियोजक ने मामले में मुशर्रफ को ‘आरोपी’ बताया है और कहा है कि जिस वक्त बेनजीर की हत्या की गई उस वक्त मुशर्रफ देश के प्रमुख थे और उनकी सरकार ने बेनजीर भुट्टो को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई थी. मुशर्रफ की पार्टी ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ आरोप ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ है और अदालत से औपचारिक आदेश मिलने पर वह इसके समक्ष उपस्थित हो सकते हैं.
मुशर्रफ ने कहा कि 2013 में अगले आम चुनाव से पहले वह पाकिस्तान लौटना चाहते हैं. उन्होंने नयी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग की भी शुरुआत की है. रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत में एफआईए द्वारा सौंपे गये कई आरोप पत्रों में कहा गया है कि हत्या के समय राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ ने भुट्टो की मौत की जांच में सहयोग करने से इनकार किया है.
आतंकवाद निरोधी अदालत में पांच आतंकी संदिग्धों की सुनवाई चल रही है जिसमें तहरीक ए तालिबान के कथित सदस्य भी शामिल हैं. इन पर हत्या की योजना बनाने और साजो सामान मुहैया कराने का आरोप है. एक आरोप पत्र में कहा गया है कि रावलपिंडी के पूर्व पुलिस प्रमुख सउद अजीज और हाल में गिरफ्तार किये पूर्व पुलिस अधीक्षक खुर्रम शहजाद मुशर्रफ के आदेशों पर काम कर रहे थे.