गणतंत्र दिवस पर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक पर भाजपा द्वारा तिरंगा फहराए जाने की घोषणा को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज यहां केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया.
चिदम्बरम से मुलाकात के बाद उमर ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने भाजपा की घोषणा की पृष्ठभूमि में राज्य की स्थिति को लेकर प्रदेश सरकार के आकलन की जानकारी चिदम्बरम को दे दी. उन्होंने बताया कि गृह मंत्री ने अपने स्तर पर भी स्थिति की समीक्षा की है .
प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा कि 26 जनवरी से पहले तय करेंगे कि हालात से निपटने के लिए क्या कदम उठाने हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गृह मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहेगी तथा गृह मंत्रालय और राज्य सरकार दोनों मिलकर तय करेंगे कि क्या कार्रवाई करनी है.
उन्होंने चिदम्बरम के साथ घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी चर्चा की जिसमें पुलिस आधुनिकीकरण का मुद्दा भी शामिल था.{mospagebreak}
जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) हटाने के बारे में पूछने पर उमर ने कहा कि पिछले साल के अंत में उन्होंने दो समूहों का गठन किया था जो समयबद्ध तरीके से अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को देंगे. सिफारिशें आने के बाद प्रदेश के कुछ इलाकों से इस कानून के क्रियान्वयन को हटाने के बारे में कोई फैसला किया जाएगा.
कश्मीरी पंडितों के बारे में पूछे गए एक सवाल के बारे में उन्होंने कहा कि घाटी में उनकी वापसी का सिलसिला कुछ हद तक शुरू हो गया है लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि जब तक उन्हें पूर्ण सुरक्षा नहीं मुहैया करा पाते तब तक उनकी घर वापसी मुश्किल काम है.
लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के साथ ही सुनिश्चित करेगी कि घाटी में उन्हें कामकाज के पर्याप्त अवसर मुहैया कराए जाएं.