पटना में बन रहे जयप्रकाश नारायण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निर्माण में उपयोग हो रही सामग्री की गुणवत्ता पर पटना उच्च न्यायालय ने तीन सदस्यीय एक समिति को रिपोर्ट देने को कहा है.
पटना एम्स के निर्माण कार्य के पर्यवेक्षण के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति को पटना उच्च न्यायालय ने सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में अगले बुधवार तक अदालत के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा.
न्यायमूर्ति प्रकाशचंद्र वर्मा और न्यायमूर्ति आदित्य कुमार त्रिवेदी की एक पीठ ने एम्स के निर्माण से जुड़ी तीन सदस्यीय एक समिति से कहा कि वह निर्माण संबंधी कार्य में सामग्री की गुणवत्ता की जांच करे.
एम्स का समय सीमा के भीतर निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए पटना उच्च न्यायालय में दिवंगत अधिवक्ता एमपी गुप्ता ने एक जनहित याचिका दायर की थी. निर्माण कार्य में देर पर अदालत ने कई बार फटकार भी लगाई है.
बीते 12 अप्रैल को पटना उच्च न्यायालय ने एक समिति का गठन किया था. इस समिति के सदस्य केंद्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक, पटना एम्स के निदेशक और बिहार स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव हैं. समिति को निर्देश है कि निर्माण कार्य की प्रगति रिपोर्ट हर पखवाड़े केंद्र सरकार और बिहार के मुख्यमंत्री को सौंपा जाए.
समिति को फुलवारी शरीफ में पटना एम्स के लिए भूमि अधिग्रहण, निर्माण कार्य प्रगति की नियमित निगरानी, रोड फ्लाईओवर, अतिक्रमण संबंधी निपटारे का जिम्मा सौंपा गया है.