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मोबाइल फोन के इस्तेमाल से हो सकता है कैंसर: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि मोबाइल फोन और संचार के अन्य तार रहित उपकरणों के अंधाधुंध इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है जिससे बचने के लिए संदेशों तथा हैंड फ्री उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि मोबाइल फोन और संचार के अन्य तार रहित उपकरणों के अंधाधुंध इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है जिससे बचने के लिए संदेशों तथा हैंड फ्री उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए.

कैंसर पर शोध करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (आईएआरसी) ने फ्रांस के ल्योन में आठ दिवसीय सम्मेलन के समापन पर मंगलवार को कहा, ‘इस तरह के उपकरणों के इस्तेमाल से उत्पन्न होने वाले रेडियो आवृत्ति विद्युत चुंबकीय क्षेत्र से लोगों को कैंसर होने की आशंका होती है.’ एबीसी न्यूज के अनुसार 14 देशों के 31 विशेषज्ञों का समूह मानवीय साक्ष्यों की समीक्षा के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है.

कार्य समूह के अध्यक्ष जोनाथन समेट ने कहा, ‘शोध से मिले प्रमाणों की समीक्षा के आधार पर विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि मस्तिष्क में होने वाले एक प्रकार के कैंसर, ‘ग्लिओमा’ के मामले बढ़े हैं.

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उन्होंने कहा कि पिछले दशक में व्यापक स्तर पर किए गए दो अध्ययनों में पाया गया है कि इसका खतरा उन लोगों में अधिक देखा गया जो मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.

अध्ययन से पता चला है कि कुछ लोगों ने करीब दस साल की अवधि के दौरान प्रति दिन औसतन 30 मिनट अपने फोन का इस्तेमाल किया.

पूरी दुनिया में तकरीबन पांच अरब मोबाइल फोन पंजीकृत हैं. मोबाइल के इस आंकड़े और इनके इस्तेमाल किए जाने के समय.. दोनों में ही हाल के वर्षों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. आईएआरसी के अनुसार, वर्तमान वैज्ञानिक निष्कर्ष वायरलेस उपकरणों और कैंसर के बीच केवल संभावित संबंध को बताते हैं, इनकी पुष्टि नहीं हुई है.

रिपोर्ट से जुड़े कुर्ट स्ट्रैफ ने कहा, ‘ग्लिओमा और एकॉस्टिक न्यूरोमा कहे जाने वाले नॉन मेलिग्नैन्ट ट्यूमर के अन्य प्रकार का खतरा बढ़ने के कुछ प्रमाण हैं लेकिन अभी यह पूरी तरह साबित नहीं हुआ है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कैंसर होता है.’

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