दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल को आयकर विभाग ने उसके विदेशी परिचालन पर पिछले चार वित्त वर्षों में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का भुगतान न करने पर 1,067 करोड़ रुपये का कर नोटिस भेजा है. हालांकि कंपनी ने कहा है कि उसने सभी प्रावधानों को पूरा किया है.
विभाग ने कंपनी को आयकर कानून की धारा 201 (कर कटौती या कर भुगतान करने में असफल रहने के परिणाम) तथा धारा 195 (कोई भी व्यक्ति जो गैर निवासी को भुगतान के लिए जिम्मेदार है) के तहत 1,067.24 करोड़ रुपये का कर अदा करने का नोटिस भेजा है.
वहीं दूसरी ओर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारती एयरटेल ने सभी लागू होने वाले आयकर प्रावधानों को पूरा किया है. यह डिमांड नोटिस उचित नहीं है और हम इस बारे में उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे.’ विभाग ने चार वित्त वर्षों के लिए कर अदा करने को कहा है जिसका ब्योरा इस तरह है.
वित्त वर्ष 2007-08 के लिए 202.07 करोड़ रुपये, 2008-09 के लिए 329.91 करोड़ रुपये, 2009-10 के लिए 313.57 करोड़ रुपये और 2010-11 के लिए 221.68 करोड़ रुपये. कंपनी को गैर निवासी मोबाइल सेवा प्रदाताओं को किए गए भुगतान के एवज में यह कर अदा करने को कहा गया है.
सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग की अंतरराष्ट्रीय कराधान इकाई का मानना है कि इस तरह का भुगतान एक तरह से तकनीकी सेवाओं के लिए शुल्क है, जिस पर आयकर कानून की धारा 195 के तहत टीडीएस कटौती की जानी चाहिए.
विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि इस तरह के कर के भुगतान के लिए कंपनी की संपत्ति या परिचालन स्थल ‘प्रासंगिक’ नहीं है. भारती एयरटेल भारत और विदेशों में कई तरह की दूरसंचार सेवाएं देती है. कंपनी का दावा है कि 19 देशों में उसके उपभोक्ताओं की संख्या 23 करोड़ से ज्यादा है.