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मृत्युदंड पर रोक के लिए कानून बनाने की मांग

राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने मृत्युदंड को व्यक्ति को मूल मानवाधिकार का घोर हनन करने वाला करार देते हुए इस पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की.

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राज्यसभा
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राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने मृत्युदंड को व्यक्ति को मूल मानवाधिकार का घोर हनन करने वाला करार देते हुए इस पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की.

अकाली दल के नरेंद्र कुमार गुजराल ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि दुनिया के 96 देशों में फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है लेकिन हमारे देश में अभी तक लोगों को फांसी दी जा रही है.

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बी आर अंबेडकर ने भी संविधान सभा में मृत्युदंड को हटाने का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कई बार निजी विधेयकों के जरिये फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की गयी.

उन्होंने कहा कि मृत्युदंड व्यक्ति के मूल मानवाधिकार का हनन है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए फौरन एक कानून बनाना चाहिए.

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भाजपा के एस एस अहलूवालिया ने उनकी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि भारत हमेशा से मानव धर्म की बात करता है. ऐसे में मौत की सजा मानव धर्म का अपमान है. सरकार को मृत्युदंड रोकने के लिए कानून बनाने और अन्य उपायों पर विचार करना चाहिए.

शून्यकाल में ही माकपा की झरना दास बैद्य ने भोपाल में 10 फरवरी को एक लड़की के साथ हुए बलात्कार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पीड़िता को सरकार की ओर से उपयुक्त मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में एक पत्रकार की गिरफ्तारी हुयी है और घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जानी चाहिए.

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