राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक दंपति ने खाप पंचायत के तुगलकी फरमान की पुलिस में शिकायत की है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुनाथ गर्ग ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि पंचायत ने पहले तो पति को पत्नी से अलग रहने का फरमान सुनाया, लेकिन जब पति ने इसे अनसुना किया तो उस पर लाख रुपये का जुर्माना ठोंक दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, मामला शिव थाना क्षेत्र के कानासर गांव का है. यहां की पंचायत ने नारायणदास को पत्नी संगीता से अलग रहने का फरमान जारी किया, जिसे न मानने पर नारायणदास को समाज से बहिष्कृत कर उस पर लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. शिकायत के अनुसार पंचायत से परेशान होकर नारायणदास ने कुछ समय पहले ही गांव छोड़ दिया था, लेकिन पंचायत के सदस्यों से मिल रही लगातार धमकियों के बाद अब नारायणदास ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर मदद मांगी है.
क्या है मामला...
बताया जाता है कि संगीता और उसकी बहन पुष्पा दोनों की शादी पांच साल पहले कानासर गांव मे हुई थी. संगीता की शादी नाराणदास और उसकी बहिन पुष्पा की शादी नाराणदास के चचेरे भाई किशनदास के साथ हुई. शादी के कुछ समय बाद संगीता की बहन पुष्पा ने आपसी विवाद के बाद अपने पति को छोड़ दिया. मामले को लेकर गांव में जातीय पंचायत बैठी, जिसने पुष्पा के वापस अपने पति के पास न लौटने तक नारायणदास पर अपनी पत्नी संगीता को छोड़ने के लिए दबाव बनाया. नारायणदास ने इससे इनकार कर दिया, जिस पर पंचायत ने संगीता और उनके पति नारायणदास का हुक्का पानी बंद कर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया.
पंचायत से परेशान होकर दंपति ने गांव छोड़ दिया, लेकिन इसके बावजूद पंचायत के लोग उन्हें परेशान करते थे. पुलिस ने बताया कि पीड़ित परिवार को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन देते हुए उन्हें वापस उनके गांव भेज दिया गया है. साथ ही मामले के तथ्यों की जांच के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.