विकास की एक कीमत चुकानी पड़ती है. इसी बात को सच साबित करते हुए जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने शहर के 200 से ज्यादा साल पुराने दो मंदिरों को मेट्रो कॉरिडॉर के लिए गिरा दिया.
जयपुर के रोजगारेश्वर महादेव और कष्टहरण महादेव मंदिर की वजह से मेट्रो के काम में रुकावट आ रही थी. जयपुर मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मंदिर गिराने से पहले नोटिस भेज दिया था, ताकि वक्त रहते मंदिर की मूर्तियों और सामान को सही जगह शिफ्ट कर लिया जाए. अधिकारी ने बताया कि मंदिर गिराने पर उन्हें हिंसा का आशंका थी.
मंदिर गिराने का जयपुर की कुछ संस्थाएं और लोग काफी वक्त से विरोध कर रहे थे. इसी के मद्देनजर प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए कोताही बरतते हुए 400 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. पुलिस ने मंदिर गिराने के दौरान विरोध के लिए उकसा रहे 12 लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारी ने बताया कि मंदिर गिराने से पहले मूर्तियों और सामान को सुरक्षित कर लिया गया था. मंदिर गिराने का काम 12 जून को किया गया.