राजस्थान में कांग्रेस सरकार में जारी अंदरुनी लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक दिन पहले सरकार को समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला लिया और सचिन पायलट गुट पर वार किया तो पायलट गुट ने भी जवाब देने में देरी नहीं की और उनके समर्थकों ने कहा कि शेर को गीदड़ घेरने चले हैं.
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई वाली राज्य की कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय विधायकों ने बैठक कर गहलोत के पक्ष में प्रस्ताव पास करने और सचिन पायलट के खिलाफ बयानबाजी पर पलटवार करते हुए पायलट गुट ने कहा कि सचिन पायलट शेर हैं और जब शेर निकलता है तो उसके मुकाबले के लिए गीदड़ एकजुट हो जाते हैं. मगर यह सच्चाई है कि 100 गीदड़ों का झुंड भी चाहे तो शेर का शिकार नहीं कर सकते.
सचिन पायलट गुट के विधायक इंद्रराज गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस को इन निर्दलीय विधायकों की कोई जरूरत नहीं है. ये निर्दलीय विधायक कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दें. यह हमारे घर का झगड़ा है और हम अपना झगड़ा सुलझाना जानते हैं.
निर्दलीय विधायकों पर हमला करते हुए विधायक इंद्रराज ने कहा कि यह कौन होते हैं हमारे आंतरिक मामलों में बोलने वाले. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री के बारे में इन्हें बोलने का कोई अधिकार नहीं है.
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उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों का यह कहना कि वह अशोक गहलोत के साथ हैं, कांग्रेस के साथ नहीं यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
दूसरी ओर, इन निर्दलीय विधायकों के सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 19 कांग्रेस प्रत्याशियों ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर इन निर्दलीय विधायकों पर कार्रवाई की मांग की है.
शाहपुरा से कांग्रेस को हराने वाले मनीष यादव ने कहा कि निर्दलीय विधायक कांग्रेस के संगठन को कमजोर कर रहे हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इन कांग्रेस प्रत्याशियों ने कांग्रेस के अंतिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से पत्र लेकर मिलने का समय मांगा है.