भंवरी देवी हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में एक पूर्व कांग्रेस विधायक मलखान सिंह बिश्नोई को राजस्थान हाई कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया. बिश्नोई की जमानत अर्जी पर दलीलें शुक्रवार को खत्म हुई थीं और अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
न्यायमूर्ति निर्मल जीत कौर ने बिश्नोई की जमानत अर्जी खारिज कर दी. बिश्नोई अजमेर केंद्रीय कारा में हैं. सीबीआई के वरिष्ठ वकील अशोक जोशी ने कहा कि बिश्नोई ने यह दावा करते हुए जमानत मांगी कि इस अपराध में उनके शामिल होने का कोई कारण नहीं है.
लेकिन यत तथ्य है कि बिश्नोई पर भंवरी देवी दवाब डाल रही थी तथा वह उनसे अपने अधिकारों एवं अपने बेटी के लिए उनका नाम देने की मांग कर रही थी. जोशी ने कहा कि उसने उन्हें अपने संबंध का खुलासा करने की धमकी दी थी. ऐसे में इस बात के स्पष्ट कारण हैं कि बिश्नोई उससे छुटकारा पाना चाहते थे.
इससे पहले एसीजेएम अदालत बिश्नोई की जमानत अर्जी दो बार खारिज कर चुकी थी. मुख्य आरोपी महिपाल मदेरणा भी चार बार जमानत हासिल करने में विफल रहे.
सहायक नर्स छत्तीस वर्षीय भंवरी देवी एक सितंबर, 2011 को जोधपुर के बिलारा से गायब हो गयी थी. बाद में सीबीआई जांच में पता चला कि अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गयी और जलोदा में उसके शव को जला दिया गया. बाद में अस्थियां राजीव गांधी लिफ्ट नहर में फेंक दी गयी थी.