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पंजाब में सिद्धू के आएंगे अच्छे दिन? हरीश रावत ने कहा भविष्य में कांग्रेस को लीड करेंगे 

पंजाब कांग्रेस प्रभारी एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस का भविष्य बताया है. ऐसे में सवाल उठता कि पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्या कांग्रेस सिद्धू को नई जिम्मेदारी देने की दिशा में सोच रही है? 

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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नवजोत सिद्धू 2016 में कांग्रेस में शामिल हुए थे
  • कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिद्धू के बीच अदावत
  • जून 2019 में नवजोत सिद्धू ने मंत्री पद छोड़ा था

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ राजनीतिक अदावत के चलते नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में साइड लाइन चल रहे हैं, लेकिन अब उनके अच्छे दिन आने वाले हैं. पंजाब कांग्रेस प्रभारी एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. हरीश रावत ने नवजोत सिद्धू को कांग्रेस का भविष्य बताया है. ऐसे में सवाल उठता कि पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्या कांग्रेस सिद्धू को नई जिम्मेदारी देने की दिशा में सोच रही है? 

हरीश रावत ने पंजाब के कांग्रेस विधायकों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को चाहिए कि वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मिलकर देश में लोकतांत्रित शक्तियों को एकजुट करें. उन्‍होंने कहा कि सिद्धू न सिर्फ पार्टी गतिविधियों में सक्रिय होंगे बल्कि आने वाले समय में लीड भी करेंगे. साथ ही यह भी कहा कि वह लगातार सिद्धू के संपर्क में हैं. हरीश रावत का यह बयान पंजाब में कांग्रेस की सियासत में आने वाले बदलाव का संकेत माना जा रहा है. 

दरअसल, नवजोत सिंह जुलाई 2016 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. सिद्धू और कैप्टन के बीच राजनीतिक स्पर्धा 2017 में सरकार बनने के बाद से ही शुरू हो गई थी. ऐसे मौके आए जब कैप्टन और सिद्धू के बीच कोल्ड वार की स्थिति साफ तौर पर देखी गई. ये शीत युद्ध 6 जून 2019 को तब अपने चरम पर पहुंच गया जब अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया और सिद्धू से शहरी विकास मंत्रालय छीनकर उर्जा विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी. 

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हालांकि, नवजोत सिद्धू ने न तो नए विभाग को ज्वाइन किया और न ही दफ्तर गए बल्कि 10 जून को राहुल गांधी से मुलाकात कर मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस की गतिविधियों से अलग-थलग हैं और सियासी 'एकांतवास' में चले गए थे. इस बीच कभी-कभी वीडियो और बयान के जरिए सवाल खड़े करते रहे हैं. 

हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए नए कृषि कानून के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर में धरने तो दिए, लेकिन कांग्रेस के मंच दूरी बनाए रखा था. वो पिछले एक साल से कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में नजर नहीं आए हैं, लेकिन पंजाब के प्रभारी हरीश रावत अब उन्हें साधने की कवायद में जुट गए हैं. रावत ने कहा कि सिद्धू ग्रेजुएशन करके राजनीति में आए हैं और मैं प्राइमरी पढ़ कर सियासत में आया. मुझे भी तो कुछ हुनर दिखाने का मौका मिलना चाहिए. 

हरीश रावत हाल ही में पंजाब के नए प्रभारी बनाए गए हैं और वो जमीन से जुड़े होने के साथ-साथ मंझे हुए राजनेता हैं. ऐसे में पंजाब की सियासत में लगता है कि वो इसी मिशन पर गए हैं कि कैप्टन और सिद्धू के बीच पुल का काम कर सकें. दरअसल, अमरिंदर सिंह की उम्र 78 साल हो गई है, जो सियासत में अपनी पारी खेल चुके हैं. 2022 में एक बार और कांग्रेस का चेहरा बनकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन इस बाद पार्टी को नए चेहरे की तलाश करनी ही होगी. ऐसे में हरीश रावत के बयान से साफ है कि आगे की सियासी पार्टी के लिए नवजोत सिंह सिद्धू के लिए पिच तैयार करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया. 

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