पंजाब में ब्लॉक समिति चुनाव के नतीजों के बाद जीत का जश्न हिंसा में बदल गया. आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जुलूस के दौरान जोरदार झड़प हो गई. बताया जा रहा है कि AAP के नेता और कार्यकर्ता जीत की खुशी में जुलूस निकाल रहे थे.
इसी दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए. दोनों पक्षों के बीच पहले बहस हुई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई.
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AAP कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनके साथ जमकर मारपीट की गई और इसके बाद फायरिंग भी हुई. इस घटना में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों की पहचान गुरमुख सिंह (65), रविन्द्र सिंह (44) और मनदीप सिंह (36) के रूप में हुई है. तीनों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
यह मामला लुधियाना के गिल क्षेत्र के बचित्तर नगर का बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है. घायलों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है.
केजरीवाल ने दिए निष्पक्षता के 'सबूत'
बता दें कि पंजाब में हुए पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है. ज्यादातर सीटों पर नतीजों का ऐलान हो गया है, जिसके बाद AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान केजरीवाल ने कहा, "पूरे पंजाब में ब्लॉक समितियों और जिला परिषद के चुनाव हुए, जिनके नतीजे आए हैं. अभी तक आए नतीजे दिखाते हैं कि AAP ने एक तरह से पूरे पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र में स्वीप किया है."
उन्होंने आगे कहा कि लगभग 70 फीसदी सीट पर (जिला परिषदों और ब्लॉक समितियों) आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है. यह दिखाता है कि पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व में AAP की सरकार के कामों पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने मुहर लगाई है.
'AAP की बहुत बड़ी जीत...',
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "भारतगढ़ में कांग्रेस 40 वोटों से जीती. तो कांग्रेस के आरोप कि बैलेट पेपर छिपाए गए थे, झूठे हैं. चरणजीत चन्नी ने सबसे पहले आरोप लगाए, उनसे पूछिए कि उनके इलाके में कितने जीते. वे इन सब में शामिल थे, इसलिए उन्हें ऐसा दिख रहा है. हमने 68 फीसदी ब्लॉक समिति और 72 फीसदी ज़िला परिषद जीते हैं. अकाली दल नंबर 3 पर आया है. ग्रामीण इलाकों में भी अकाली दल फेल हो गया है. लोगों ने AAP सरकार के कामों के लिए वोट दिया है. "उन्होंने आगे कहा कि यह AAP की बहुत बड़ी जीत है. अकाली खुद को ग्रामीण पार्टी कहती है लेकिन वह बुरी तरह फेल हो गई और नंबर 3 पर रही.
2027 के लिए बड़ा राजनीतिक मैसेज
इन परिणामों को 2027 में होने वाले अगले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले एक अहम संकेत माना जा रहा है. जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी पूरे सूबे में बढ़त बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल फिर से अपनी खोई हुई जमीन तलाशने में जुटे हैं. सीनियर नेताओं की अपने ही गांवों में हार ने सत्ता पक्ष को आत्ममंथन का मौका दिया है. मतगणना के अंतिम चरणों के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी कि विपक्षी दलों की यह वापसी कितनी प्रभावी साबित होगी.