खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ अमृतसर के अजनाला में गुरुवार को जमकर उत्पात मचाया था. अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला में थाने पर धावा बोल दिया था जिसके बाद आज अजनाला में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
लवप्रीत तूफान की रिहाई का आदेश
अमृतपाल सिंह ने थाने में घुसकर ना सिर्फ पुलिसकर्मियों को धमकी दी थी बल्कि देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकाया था. लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब पुलिस दबाव में नजर आई. अजनाला कोर्ट ने शुक्रवार को लवप्रीत तूफान की रिहाई का आदेश दे दिए हैं. रिहाई का ये आदेश ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) मनप्रीत कौर ने जारी किया है जिसके बाद तूफान के थोड़ी देर में बाहर आने की संभावना है.
सुरक्षा में लगाई 5 जिलों की पुलिस फोर्स
किसी भी हंगामे की आशंका को देखते हुए आज अजनाला पुलिस चौकी के बाहर 5 जिलों की पुलिस फोर्स को सुरक्षा ड्यूटी में तैनात किया गया है. इसके साथ ही दंगारोधी बल की भी तैनाती की गई है.
दरअसल गुरुवार को वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने एक करीबी की रिहाई के लिए थाने पर धावा बोल दिया था और उसपर कब्जा कर लिया था.
थाने में अमृतपाल सिंह ने उठाया था खालिस्तान का मुद्दा
गुरुवार को अपने साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई को लेकर थाने पर धावा बोलने के बाद अमृतपाल सिंह ने थाने से खुले तौर पर खालिस्तान के मुद्दे को उठाया था. उसने कहा था कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं.
अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह से खालिस्तान का मामला सामने आया हो. हाल ही में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके में भी खालिस्तान आंदोलन देखने को मिले हैं.
इंदिरा गांधी की तरह चुकानी होगी अमित शाह को कीमत
खालिस्तान की मांग को लेकर अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर धमकी भी दी है. सिंह ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ने नहीं देंगे. मैंने कहा था कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था. अगर आप भी ऐसा ही करेंगे तो आपको उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
हमें कोई नहीं रोक सकता: अमृतपाल
अगर गृहमंत्री हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के लिए भी ऐसा ही कहते हैं तो मैं देखूंगा कि वह गृहमंत्री पद पर रह पाते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकाई थी. हमें कोई भी नहीं रोक सकता, फिर चाहे वह पीएम मोदी हो, अमित शाह या भगवंत मान.