scorecardresearch
 

दिल्ली में AAP की हार से मुश्किल में पंजाब की मान सरकार? चुनाव से पहले इन चुनौतियों से होगा सामना

पंजाब में AAP ने पार्टी के बहुचर्चित 'दिल्ली मॉडल' का हवाला देकर वोट मांगे थे, लेकिन मंगलवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पहली बार 'पंजाब मॉडल' की बात की है. उन्होंने कहा कि पंजाब को ऐसा मॉडल बनाया जाएगा जो पूरे देश में दिखाया जा सके.

Advertisement
X
पंजाब पर दिल्ली की हार का असर
पंजाब पर दिल्ली की हार का असर

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की चुनावी हार के बाद पंजाब में पार्टी के बिखरने का खतरा पैदा हो गया है. हालांकि संख्या के मामले में AAP के लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है क्योंकि 117 सीटों वाली विधानसभा में भगवंत मान के पास 94 विधायक हैं जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस है जिसके 16 विधायक हैं. अकाली दल के पास 3 और बीजेपी के पंजाब में सिर्फ दो विधायक हैं.

पंजाब में बनेगा सुपर सीएम?

पंजाब की मान सरकार पर दिल्ली से निर्देश लेने के आरोप लगते रहे हैं और माना जाता है कि AAP के टॉप लीडर्स ही पंजाब के फैसले लेते हैं. जहां एक वर्ग का मानना है कि दिल्ली के नतीजों के बाद भगवंत मान ज्यादा ताकतवर बनकर उभरे हैं, वहीं पार्टी के भीतर कुछ लोगों का मानना है कि अब पंजाब में एक 'सुपर सीएम' होगा. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मान के करीबी ग्रुप में केजरीवाल के कई वफादार बताए जाते हैं. इनमें ताजा नाम बिभव कुमार का है जो दिल्ली के पूर्व सीएम के सहयोगी हैं और उन्हें हाल ही में पंजाब पुलिस ने जेड प्लस सिक्योरिटी दी है. इस फैसले की विपक्ष ने काफी आलोचना की थी.

ये भी पढ़ें: दिल्ली को सरप्राइज का इंतजार! CM पद के लिए BJP में क्यों नहीं है नैचुरल च्वाइस

Advertisement

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा के इस दावे के बावजूद कि AAP के 30 विधायक कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं, सत्ताधारी पार्टी ने इन दावों को खारिज कर दिया है. लेकिन कई लोग इस संभावना से इनकार नहीं करते हैं कि 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव AAP के लिए मुश्किल हो सकते हैं. जिस 'दिल्ली मॉडल' के लिए पंजाब ने वोट दिया था, उसे अब दिल्ली के लोगों ने ही नकार दिया है और चिंता यही है कि पंजाब में भी इसका असर हो सकता है.

मान ने किया 'पंजाब मॉडल' का जिक्र

वहीं दूसरी ओर भगवंत मान इस घटनाक्रम से अप्रभावित दिखे. दिल्ली के कपूरथला हाउस के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब के सीएम ने कहा कि वह अपने वादों पर खरा उतरने के प्लान पर काम कर रहे हैं. एक बार AAP ने पार्टी के बहुचर्चित 'दिल्ली मॉडल' का हवाला देकर पंजाब में वोट मांगे थे, लेकिन मंगलवार को पंजाब के सीएम ने पहली बार 'पंजाब मॉडल' की बात की है. उन्होंने कहा कि पंजाब को ऐसा मॉडल बनाया जाएगा जो पूरे देश में दिखाया जा सके.

भगवंत मान ने कहा कि हम पंजाब में किसी भी गारंटी को नहीं तोड़ेंगे. हमने उन मोर्चों पर काम किया है, जिनका हमने वादा भी नहीं किया था, चाहे टोल टैक्स हो या विधायकों की कई पेंशन खत्म करना. यहां तक कि उनके अपने मंत्री भी कहते हैं कि दिल्ली की हार के बाद पंजाब में चुनावी वादों को पूरा करना अहम होगा. चुनाव में दो साल बाकी हैं, लेकिन अब चाहे उनकी अपनी पार्टी हो या विरोधी, सभी ने मौके की तलाश शुरू कर दी है.

Advertisement

विरोधियों के साथ अपने भी हमलावर

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बड़ी हार पर बात करते हुए AAP विधायक और मान के आलोचक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली में हार पंजाब में खराब शासन को दिखाता है. पंजाब सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सहित कई मुद्दों पर काम करने में विफल रही है. अमृतसर नॉर्थ के विधायक विजय प्रताप मंगलवार को दिल्ली में केजरीवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि इस बैठक का कोई खास मकसद नहीं था, यह भी सिर्फ एक हेड काउंट था और मैंने फोन पर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि यह पंजाब में आत्मनिरीक्षण का समय है.

ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल ने क्यों बुलाया था पंजाब के विधायकों-मंत्रियों को दिल्ली?

चाहे बड़े-बड़े वादे हों, बेअदबी के मामलों में न्याय दिलाना हो या कानून-व्यवस्था, पंजाब सरकार इन सभी मोर्चों पर विफल रही है. इस बीच कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने AAP की आलोचना करते हुए कहा कि AAP ने हमेशा झूठ की राजनीति की है और दिल्ली के नतीजों ने उनकी पोल खोल दी है. पंजाब में भी AAP की हालत खराब है, क्योंकि वे सभी मोर्चों पर विफल रहे हैं. सीएम सिर्फ चेहरा हैं, लेकिन फ़ैसले दिल्ली से लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की राजनीति से पंजाब के लोगों को कुछ नहीं मिला है. पुलिस थानों पर ग्रेनेड हमले हो रहे हैं, परगट सिंह ने सवाल किया कि गृह मंत्री खुद क्या कर रहे हैं. पंजाब में गृह मंत्रालय खुद सीएम मान ने अपने पास रखा है.

Advertisement

दिल्ली से कंट्रोल होने का आरोप

अकाली दल के नेता दलजीत चीमा ने का कहना है कि भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल के बीच एक समझौता हुआ है जिसे अब खत्म कर देना चाहिए. वैसे भी मान सिर्फ़ नाम के लिए मुख्यमंत्री थे, उनके अपने ऑफिस के लोग दिल्ली के रिमोट कंट्रोल थे. हमें डर है कि अब सभी केंद्रीय मंत्री फ्री हैं और वे यहां पंजाब के मंत्रियों से जुड़ेंगे. उन्होंने राज्य से बहुत पैसा कमाया है और सरकार गिर जाएगी और उनका सचिवालय बंद हो जाएगा क्योंकि उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे तक नहीं हैं.

पंजाब के कई पूर्व कांग्रेस नेताओं को पुलिस मामलों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी हुई, जिनमें सुखपाल खैरा, भारत भूषण आशु, सुंदर शाम अरोड़ा, साधु सिंह धर्मसोद शामिल हैं और यहां तक कि अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को भी पंजाब पुलिस की एसआईटी ने कई बार बुलाया था. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को भी विपक्ष के गुस्से का सामना करना पड़ा है क्योंकि उनका आरोप है कि सरकार बदले की राजनीति कर रही है और अपना बदला लेने के लिए विजिलेंस ब्यूरो का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि सीएम मान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इनमें कोई तथ्य नहीं है. 

Advertisement

सरकार ने अब तक किए ये काम

पंजाब के नागरिकों को 600 यूनिट फ्री बिजली
50,000 सरकारी नौकरियां
881 AAP मोहल्ला क्लिनिक और 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस
17 टोल प्लाजा बंद किए
रंगला पंजाब जैसे कार्यक्रम लाए
ड्यूटी पर शहीद होने वालों को एक करोड़ रुपये की भारी राशि दी गई. हाल ही में पंजाब के शहीद अग्निवीरों और पुलिस कर्मियों को यह राशि दी गई है. हादसों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा बल का गठन और 100 से अधिक टोयोटा कार पुलिस को दी गईं

इन चुनौतियां का कर रहे सामना

पंजाब सरकार पर दिल्ली का कंट्रोल के आरोप
महिलाओं को 1000 देने का वादा अधूरा
राज्य में खराब कानून-व्यवस्था को लेकर आलोचना, आतंक-गैंगस्टर नेटवर्क, पुलिस स्टेशनों पर एक दर्जन ग्रेनेड हमले
राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित मुद्दे
अर्थव्यवस्था खस्ताहाल
खनन से 20,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य पूरा करने में विफल, अवैध खनन रोकने में फेल
चुनावी वादे पूरा करने में असमर्थ, बेअदबी मामलों में न्याय 

ताजा हालात के मुताबिक ग्रामीण विकास निधि और एनएचएमएफ पर केंद्र के साथ लगातार टकराव चल रहा है और राज्य के किसान एमएसपी चाहते हैं. लगता है कि AAP में कलह दिल्ली की हार से शुरू हुई है, लेकिन इसका पंजाब में भी गहरा असर होने की संभावना है. आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ा डर यह है कि दिल्ली की छवि कहीं उन्हें भी मुश्किल में न डाल दे.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement