चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी नाराजगी जाहिर की. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने प्रिसाइडिंग ऑफिस के उस वीडियो पर भी टिप्पणी की जिसमें वह कैमरे को देख-देख कर मतपत्र पर कलम चला रहे हैं. ऐसा करते उनका एक और वीडियो सामने आया है जिसमें उन्हें स्पष्ट रूप से कलम चलाते देखा जा सकता है.
आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव के परिणाम को रद्द करने, तमाम रिकॉर्ड को जब्त करने और नए मेयर के कामकाज पर रोक लगाने की मांग की थी. इस मामले पर आज यानी सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों ने सुनवाई की. बेंच के सामने प्रिसाइडिंग ऑफिसर के वीडियोज भी पेश किए गए, जिसे देख सीजेआई आगबबूला हो गए.
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प्रिसाइडिंग ऑफिसर का नया वीडियो
मेयर चुनाव को लेकर प्रिसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह के नए वीडियो में देखा जा सकता है कि वह एक वोट को क्रॉस साइन करते हुए कैमरे को देख रहे हैं. फिर उस बैलट पेपर को बास्केट में रख देते हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का दावा है कि उनके गठबंधन मेयर उम्मीदवार की स्टांप वाले वोटों को इसी तरह से क्रॉस करके रद्द किया गया था. इस वीडियो के सामने आने के बाद लगातार अनिल मसीह पर कार्रवाई की मांग उठ रही है.
चीफ जस्टिस ने मांगी सीसीटीवी फुटेज
चीफ जस्टिस ने वीडियो की तरफ इशारा करते हुए कहा कि "देखो किस तरह वह कैमरे को देख रहा है, उसे बताओ की वह सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है." पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर चुनाव की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की गई थी और पूरे चुनावी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग भी की गई थी. बताया जा रहा है कि फुटेज एक पेनड्राइव में करके बेंच को सौंपी गई है. मुख्य न्यायधीश ने साथ ही इस मामले से संबंधित और भी वीडियो मांगे हैं और अधिकारी पर कार्रवाई किए जाने तक की चेतावनी दी.
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मेयर चुनाव पर सुनवाई के बाद SC का आदेश
तीन जजों की बेंच ने हाई कोर्ट रजिस्ट्रार के सामने बैलट पेपर और वीडियोग्राफी समेत सभी रिकॉर्ड संरक्षित करने का आदेश दिया है. साथ ही नए मेयर की 7 फरवरी को होने वाली पहली मीटिंग पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है. आसान शब्दों में कहें तो नए मेयर के कामकाज पर कोर्ट के अगले आदेश तक रोक रहेगी.
मेयर चुनाव पर SC में 19 फरवरी को अगली सुनवाई
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद प्रिसाइडिंग ऑफिसर को नोटिस जारी किया. कॉर्पोरेट कुल्दीप कुमार ने चुनाव में कथित धांधली के मामले पर कोर्ट में याचिका दायर की थी. वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट के सामने वकील के तौर पर पेश हुए. मामले की अगली सुनवाई कोर्ट में 19 फरवरी को होगी.
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में क्या हुआ था?
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर 30 जनवरी को मेयर का चुनाव कराया गया. चुनाव पहले 18 जनवरी के लिए शेड्यूल था लेकिन प्रिसाइडिंग ऑफिसर ने किसी कारण से आने से इनकार कर दिया था. बाद में हाई कोर्ट ने कड़ी सुरक्षा में चुनाव कराने का आदेश दिया था. पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग का भी निर्देश दियाा था. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और दोनों दलों के पास कुल 20 वोटों का समर्थन था. हालांकि, बीजेपी के पास एक सांसद का वोट मिलाकर कुल 16 वोट थे लेकिन प्रिसाइडिंग ऑफिसर ने आप-कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट रद्द कर दिए, जिससे बीजेपी को चुनाव जीत मिल गई. आप-कांग्रेस इसी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है.