पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून पर बवाल जारी है. सोमवार को भांगड़ इलाके में SFI के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया.
प्रदर्शनकारियों की यह भीड़ कोलकाता की ओर जा रही थी. लेकिन पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेड लगा दिए. लेकिन जब प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की कि पुलिस ने बल का प्रयाोग किया.
बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा की एनआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मुर्शिदाबाद हिंसा की एनआईए जांच हो. मैं यहां शांति एवं व्यवस्था बहाल करने के लिए बीएसएफ के अलावा केंद्रीय बलों की आठ कंपनियों को तुरंत तैनात करने के केंद्र सरकार की कदम की सराहना करता हूं.
सबसे पहले शुक्रवार को मुर्शिदाबाद के सूती में हिंसा की शुरुआत हुई थी. उसके बाद जंगीपुर से पुलिसबल मौके पर पहुंचा और हालात संभालने में जुट गया. इसी दौरान सूती से 10 किमी दूर शमशेरगंज में भी बवाल की खबरें आईं. हालांकि, पुलिसबल सूती में हाइवे से जाम हटवाने में जुटा रहा. पुलिस शमशेरगंज तक नहीं पहुंच पाई और वहां हिंसा का ताडंव मचा रहा. ऐसे में सेंट्रल फोर्स BSF को उतरना पड़ा, तब तक बड़ा नुकसान हो चुका था.
बता दें कि दोपहर से शुरू हुई हिंसा देर रात तक चलती रही. जब मालदा और बहरामपुर से फोर्स आई और इन इलाकों में पहुंची, तब हिंसा पर काबू पाया जा सका. भीड़ ने पहले नेशनल हाइवे 34 जाम किया. जब पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू किया तो पत्थरबाजी होने लगी. पुलिस ने फिर आंसू गैस छोड़ी. लाठीचार्ज किया. दो दिन पहले भी मुर्शिदाबाद पुलिस पर हमला हुआ था. तब प्रदर्शनकारियों ने दो गाड़ियों में आग लगा दी थी. एनआरसी के दौर में भी मुर्शिदाबाद में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी.
दरअसल, मुर्शिदाबाद में शुक्रवार की नमाज के बाद वक्फ विधेयक के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर पड़े और नेशनल हाइवे 34 ब्लॉक कर दिया था. जब पुलिस ने नेशनल हाइवे से अवरोध हटाने की कोशिश की तो पुलिस के साथ एक तरह से जंग छिड़ गई. ठीक उसी समय मुर्शिदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर शमशेर गंज में भी नेशनल हाइवे पर हजारों की संख्या में लोग आ गए थे.