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19 विपक्षी पार्टियों का ऐलान, 20-30 सितंबर तक केंद्र के खिलाफ देशभर में करेंगे विरोध प्रदर्शन

विपक्ष की 11 मांगों में पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच, राफेल सौदे की उच्च स्तरीय जांच, नए कृषि कानूनों को निरस्त करने, जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराने और राजनीतिक बंदियों को रिहा करने जैसे मुद्दे शामिल हैं.

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 भाजपा के खिलाफ मिलकर मोर्चा खोलेंगी विपक्षी पार्टियां (फाइल फोटो- पीटीआई)
भाजपा के खिलाफ मिलकर मोर्चा खोलेंगी विपक्षी पार्टियां (फाइल फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोनिया की अध्यक्षता में 19 पार्टियों की हुई बैठक
  • बैठक में विपक्षी पार्टियों ने सरकार के सामने रखी 11 सूत्री मांग

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में 19 पार्टियों के नेता शामिल हुए. बैठक के बाद इन सभी विपक्षी पार्टियों ने ऐलान किया है कि वे 20 से 30 सितंबर तक देश भर में मिलकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे. साथ ही लोगों से बेहतर भविष्य के लिए देश को बचाने की अपील करेंगे. 

समाचार एजेंसी के मुताबिक, विपक्षी दलों की बैठक में नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने पर जोर दिया. साथ ही नेताओं ने सरकार के सामने 11 मांगें भी रखीं. 

ये हैं विपक्ष की मांगें
विपक्ष की 11 मांगों में पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच, राफेल सौदे की उच्च स्तरीय जांच, नए कृषि कानूनों को निरस्त करने, जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराने और राजनीतिक बंदियों को रिहा करने जैसे मुद्दे शामिल हैं. 
 
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि हम 20 सितंबर से 30 सितंबर तक देशभर में मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. नेताओं ने कहा, ये प्रदर्शन कैसा होगा, इसका फैसला कोरोना की स्थिति और गाइडलाइन को देखते हुए राज्य इकाइयां करेंगी. विपक्षी नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, धरना, विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का आयोजन किया जाएगा. 

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लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आएं लोग
बयान में कहा गया है कि हम 19 विपक्षी दलों के नेता भारत के लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी पूरी ताकत से अपनी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के लिए आगे आएं. आज भारत को बचाएं, ताकि हम इसे बेहतर कल के लिए बदल सकें. 
 
पीएम मोदी पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि पीएम के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लोगों के दुखों से संबंधित एक भी मुद्दे पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया. भाषण बयानबाजी, खाली नारों और दुष्प्रचार से भरा था. यह 2019 और 2020 में दिए गए भाषणों की रीपैकेजिंग की तरह था. यह भाषण एक अशुभ चेतावनी है कि हमारे लोगों का जीवन आगे भी बर्बाद होता रहेगा. 

राहुल गांधी-मनमोहन सिंह भी हुए बैठक में शामिल
विपक्षी दलों की इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए. हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बैठक में शामिल ना होने पर दुख जताया. 

 

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