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MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव का बिहार दौरा, 5 घंटे पटना में रहेंगे; क्या BJP की यादव वोटबैंक में सेंधमारी की है तैयारी?

CM Mohan Yadav in Patna: बिहार बीजेपी के इस आयोजन के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं, यादव वोट के गणित से जोड़ा जा रहा है. इसे लोकसभा चुनाव से पहले यादव मतदाताओं को अपने साथ लाने के लिए बीजेपी के रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है.

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पटना के बीजेपी कार्यालय और इस्कॉन मंदिर भी जाएंगे MP के सीएम मोहन यादव.
पटना के बीजेपी कार्यालय और इस्कॉन मंदिर भी जाएंगे MP के सीएम मोहन यादव.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 18 जनवरी को बिहार दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. तय कार्यक्रम के मुताबिक सीएम मोहन यादव दोपहर करीब 12:10 बजे पटना एयरपोर्ट स्थित स्टेट हैंगर पहुंचेंगे. यहां भाजपा कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. 

इसके बाद सीएम मोहन यादव गांधी मैदान स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल के लिए रवाना होंगे, जहां रास्ते में उनका स्वागत होगा. श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचने के बाद यहां विशिष्ट लोगों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे.  करीब 2 बजे यहां उपस्थित लोगों को सीएम मोहन यादव संबोधित करेंगे. 

सीएम मोहन यादव इसके बाद वीरचंद पटेल मार्ग स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे. जहां बीजेपी सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के अलावा प्रदेश पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठक होगी, जिसमें लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होगी. 

बैठक के बाद बीजेपी कार्यालय से रवाना होकर सीएम मोहन यादव 4:20 बजे पटना के इस्कॉन टेंपल जाएंगे, जहां दर्शन और पूजन के साथ-साथ इस्कॉन मंदिर समिति द्वारा सीएम मोहन यादव का स्वागत किया जाएगा.  सीएम मोहन यादव कल शाम 4:50 बजे भोपाल के लिए रवाना हो जायेंगे.

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सियासी मायने

बिहार बीजेपी के इस आयोजन के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं, यादव वोट के गणित से जोड़ा जा रहा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि पटना में मोहन यादव को बुलाकर, उनका सम्मान समारोह आयोजित कर बीजेपी यादव मतदाताओं को संदेश देना चाहती है. इसे लोकसभा चुनाव से पहले यादव मतदाताओं को अपने साथ लाने के लिए बीजेपी के रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है.

गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए थे. जातीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की आबादी में यादवों की भागीदारी करीब 14 फीसदी है. सूबे में यादव परंपरागत रूप से लालू यादव के सपोर्टर माने जाते हैं. आरजेडी के 15 साल लंबे शासन के पीछे भी एकमुश्त यादव वोट बैंक को वजह माना जाता है. बीजेपी लंबे समय से यादव वोट में सेंध लगाने की रणनीति पर काम करती रही है लेकिन इसमें कुछ खास सफलता हाथ लगी नहीं.

अब कृष्ण की बारी...

अब बीजेपी की रणनीति अपने यादव सीएम का चेहरा आगे कर यादव वोट में सेंध लगाने की कोशिश करने की है. मोहन यादव ने सीएम बनने के बाद मध्य प्रदेश की विधानसभा में अपने पहले ही संबोधन में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद का जिक्र करते हुए कांग्रेस को इसके लिए आंदोलन में शामिल होने की चुनौती देकर एक तरह से यह साफ कर दिया था कि उनकी सियासी लाइन कृष्ण भगवान के इर्द-गिर्द रहने वाली है.

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