तमिलनाडु के करूर भगदड़ मामले के बाद से अभिनेता और TVK प्रमुख विजय लगातार लोगों के निशाने पर हैं. खासकर कई नेता उन्हें इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस सबके बीच जब तमिलनाडु के मंत्री दुराई मुरुगन से ये पूछा गया कि क्या करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत के मामले में विजय को गिरफ्तार किया जाएगा तो उन्होंनेकहा कि बिना मतलब सरकार उनकी गिरफ्तार नहीं करेगी.
मंत्री मुरुगन ने शनिवार को कहा कि अगर सबूत होंगे, तो सरकार अपना कर्तव्य निभाएगी. आमतौर पर हर पार्टी जानती है कि उनके अपने आयोजनों में कितने लोग आएंगे. पार्टी को अपने अनुमानित दर्शकों के अनुसार स्थल चुनना चाहिए. राज्य सरकार विजय को अनावश्यक रूप से गिरफ्तार नहीं करेगी.
रैली गाइडलाइन समीक्षा के लिए समिति
राजनीतिक रैलियों के संचालन में बदलाव की मांगों का जवाब देते हुए मुरुगन ने कहा, "हम एक समिति बना रहे हैं जो तय करेगी कि क्या बदलाव किए जाने चाहिए. इस कदम का उद्देश्य भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकना है, जिसमें सुरक्षा प्रोटोकॉल, भीड़ सीमा और अन्य लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं की समीक्षा शामिल होगी."
मंत्री ने सरकार का किया बचाव
मुरुगन ने स्टैम्पेड के लिए राज्य प्रशासन की आलोचना का जवाब देते हुए कहा, "हम कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं? हमने पुलिस सुरक्षा प्रदान की, अनुमति दी, शर्तें तय की और सलाह दी. जो लोग हमें दोषी ठहरा रहे हैं, वे केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहे हैं."
मुरुगन ने कहा, "आरएन रवि तमिलनाडु के राज्यपाल नहीं बल्कि वे विपक्षी नेता की तरह बोल रहे हैं, राज्यपाल कार्यालय की गरिमा और शिष्टाचार का पालन नहीं कर रहे. हम उन्हें राज्यपाल मानते नहीं हैं और न ही उनकी बातों पर ध्यान देंगे."
जांच और कानूनी कार्रवाई
राज्य पुलिस ने TVK नेतृत्व पर मार्गदर्शन की अनदेखी और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया. प्रमुख पार्टी नेताओं, जिनमें एन आनंद शामिल हैं, के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की गई है. ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या पार्टी अध्यक्ष विजय भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं. हाल ही में मदुरै बेंच ऑफ मद्रास हाई कोर्ट ने भी विजय की घटना स्थल छोड़कर जाने की आलोचना की और पार्टी की ओर से पश्चाताप न दिखाने पर टिप्पणी की.
कोर्ट के आदेश प सीनियर आईपीएस अधिकारी आसरा गर्ग की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई है, जो स्टैम्पेड की गहन जांच कर रही है. करूर से संबंधित दस्तावेज़ चेन्नई ट्रांसफर किए गए हैं. कोर्ट TVK नेताओं की अग्रिम जमानत याचिकाओं की समीक्षा कर रही है और राजनीतिक रैलियों के लिए कड़े दिशा-निर्देशों पर विचार कर रही है.
करूर स्टैम्पेड: घटना का विवरण
बता दें कि यह भगदड़ करूर-एरोड हाईवे के वेलुसामीपुरम में हुई, जब विजय के काफिले की ओर समर्थक बढ़ने लगे. आरोप है कि अनुमति 10,000 लोगों के लिए दी गई थी, लेकिन लगभग 25,000-27,000 लोग जमा हो गए, जबकि कुछ आकलन दर्शकों की संख्या को अनुमानित से दोगुना बता रहे हैं.
सरकार के मुताबिक 500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जो 15,000–20,000 लोगों की उम्मीद कर रहे थे. इसके बावजूद समर्थक सुबह 9 बजे से पहुंचने लगे, भारी गर्मी में सीमित पानी और भोजन के साथ प्रतीक्षा कर रहे थे. कई लोग, बच्चों सहित, बेहोश हो गए या डिहाइड्रेशन का शिकार हुए.