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तमिलनाडु में हिंदी पर सियासी तूफान, कनिमोझी ने मंत्री से की आयुष सचिव की शिकायत

डीएमके सांसद ने यह मांग भी की है कि सभी मंत्रालयों के आयोजन अंग्रेजी भाषा में हों. उन्होंने यह भी कहा है कि जहां कभी हिंदी का उपयोग किया जाए, वहां अंग्रेजी में ट्रांसलेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

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डीएमके सांसद कनिमोझी (फाइल फोटो)
डीएमके सांसद कनिमोझी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कनिमोझी ने आयुष मंत्री को लिखी चिट्ठी
  • आयुष सचिव कोटेचा पर कार्रवाई की मांग
  • गैर हिन्दी भाषियों से भेदभाव का आरोप

आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में वर्चुअल कॉन्फ्रेंस से गैर हिंदी भाषियों को लेकर भेदभावपूर्ण बयान दिया था. कोटेचा ने कथित रूप से गैर हिंदी भाषियों को कॉन्फ्रेंस से चले जाने को कहा था. अब कोटेचा के कथित बयान को लेकर तमिलनाडु में सियासत तेज हो गई है. डीएमके सांसद कनिमोझी ने आयुष मंत्री श्रीपद नाइक को पत्र लिखकर विभाग के सचिव के इस भेदभावपूर्ण बयान की निंदा की है.

कनिमोझी ने आयुष मंत्री से इसकी जांच कराने और आयुष सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. डीएमके सांसद ने यह मांग भी की है कि सभी मंत्रालयों के आयोजन अंग्रेजी भाषा में हों. उन्होंने यह भी कहा है कि जहां कभी हिंदी का उपयोग किया जाए, वहां अंग्रेजी में ट्रांसलेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. कनिमोझी ने गैर हिंदी भाषियों के साथ अन्य स्थानों पर भी भेदभाव की बात कही है.

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कनिमोझी ने यह भी कहा है कि हिंदी न जानने के कारण केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक अधिकारी ने खुद उनकी राष्ट्रीयता को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने सरकार से यह मांग की है कि हिंदी न जानने के कारण किसी के साथ दुर्व्यवहार किया जाना हिंदी भाषा को थोपने जैसा है. यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की घटनाएं न हों.

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गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय के जिस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को लेकर विवाद खड़ा हुआ है, उसमें तमिलनाडु के भी 33 डॉक्टर शामिल हुए थे. तमिलनाडु के डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि आयुष सचिव ने कहा था कि मैं हिंदी में ही बोलूंगा, मुझे अंग्रेजी नहीं आती. जिनको दिक्कत हो, वे कॉन्फ्रेंस छोड़कर जा सकते हैं.

 

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