कांग्रेस की लीडरशिप पर पहले भी सवाल उठा चुके कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से बड़े हमले किए हैं. कपिल सिब्बल ने कहा कि दुर्भाग्य है कि कांग्रेस के पास कोई चुना हुआ अध्यक्ष नहीं है. उन्होंने पंजाब में चल रहे घमासान और पार्टी के हालातों पर चर्चा के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बुलाने की भी मांग की. इसके साथ ही सिब्बल ने बिना नाम लिए गांधी परिवार पर भी सवाल उठाए. हालांकि, वो साफ-साफ कुछ भी कहने से बचते रहे.
सिब्बल ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस से 7 बड़े सवाल किए हैं...
1. मैं आपसे उन कांग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस वर्किंग कमेटी और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए पत्र लिखा था और हम अभी तक इसका इंतजार कर रहे हैं. इंतजार की भी एक हद होती है. हम कब तक इंजतार करेंगे. हम सिर्फ एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा चाहते हैं. कुछ बात होना चाहिए. CWC में किसी भी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए. पंजाब के हालातों पर चर्चा होनी चाहिए.
2. लोग हमें छोड़ रहे हैं. सुष्मिता जी चली गईं. फेलेरियो चले गए. सिंधिया चले गए. जितिन प्रसाद चले गए. केरल से सुधीरन चले गए. अब सवाल ये है कि लोग क्यों जा रहे हैं? एक तार्किक उत्तर होना चाहिए. ये विडंबना है जो लोग इनके खासमखास थे, वो तो इन्हें छोड़कर चले गए. और जिन्हें इनका खासमखास नहीं समझा जाता, वो आज भी इनके साथ हैं.
3. पाकिस्तान की सीमा से 300 किलोमीटर दूर पंजाब में क्या हो रहा है? हम वहां की स्थिति के बारे में जानते हैं. हम वहां का इतिहास जानते हैं. हम जानते हैं कि वहां कैसे उग्रवाद का उदय हुआ था. ये पाकिस्तान और आईएसआई को फायदा पहुंचाने जैसा है. कांग्रेस को सुनिश्चित करना चाहिए कि वो एकजुट है.
4. हम कांग्रेस को कमजोर होते नहीं देख सकते. हम तो उन लोगों में से जो हैं हमेशा कांग्रेस के साथ खड़े रहेंगे. हमने कभी कांग्रेस के खिलाफ बयान नहीं दिया. आज भी हम यही कह रहे हैं कि हम आपके साथ हैं. मजबूत कीजिए. बुनियादी तौर से मजबूत कीजिए. लोगों की बात सुनिए. संगठन को मजबूत कीजिए.
5. ये तो साफ जाहिर है न कि कांग्रेस का अभी तक कोई इलेक्टेड प्रेसिडेंट नहीं है. फिर भी फैसले तो हो ही रहे हैं. ये कौन ले रहा है. आप भी जानते हैं. मैं भी जानता हूं. इसके बारे में आगे बात करने का कोई औचित्य नहीं.
6. संसद जब चलती है तो कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. अभी पेगासस का मुद्दा उठा. इन पर संसद में चर्चा तभी होगी न जब विपक्ष मजबूत होगा. विपक्ष तभी मजबूत होगा जब कांग्रेस मजबूत होगी. और अगर विपक्ष मजबूत नहीं होगा, कांग्रेस मजबूत नहीं होगी, तो चर्चा कैसे होगी? कांग्रेस का कमजोर होना मतलब देश की नींव का कमजोर होना.
7. एक बात तो स्पष्ट है. हम जी हूजुर 23 नहीं हैं. हम अपनी बात रखेंगे और रखते जाएंगे और जो मांगे हैं वो दोहराएंगे.