scorecardresearch
 

आंध्र प्रदेशः जगनमोहन रेड्डी की नई कैबिनेट का शपथग्रहण आज, पिछड़ा वर्ग पर खेला दांव

Andhra Pradesh Latest News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कैबिनेट में भारी फेरबदल करते हुए पिछड़ों पर बड़ा दांव खेला है. उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को 68 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया है.

Advertisement
X
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नए मंत्रिमंडल में 25 मंत्री शपथ लेंगे
  • नए मंत्रिमंडल में 17 एससी, एसटी, बीसी और अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) के नए मंत्रिमंडल का आज शपथग्रहण है. सीएम जगनमोहन रेड्डी के मंत्रिमंडल में 13 नए चेहरे होंगे. नए मंत्रिमंडल में सीएम जगनमोहन रेड्डी ने जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है. 

नए मंत्रिमंडल में 25 मंत्री शपथ लेंगे. इसमें 17 एससी, एसटी, बीसी और अल्पसंख्यक समुदायों से होंगे. इसके साथ ही कई युवा चेहरों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.

माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में अचानक इतने बड़े फेरबदल कर सीएम जगनमोहन रेड्डी 2024 के चुनावों को साधने की कोशिश करेंगे. वहीं, पुराने मंत्रियों को पार्टी में कुछ बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.

पहली कैबिनेट में दिया था समान प्रतिनिधित्व

जून 2019 में आंध्र प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद जब जगनमोहन रेड्डी ने सरकार बनाई तो उन्होंने कैबिनेट में एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों को समान प्रतिनिधित्व दिया था. उस वक्त उनकी कैबिनेट के 24 मंत्रियों में से 56 प्रतिशत एससी, एसटी, ओबीसी और समाज के अल्पसंख्यक वर्गों से थे.

आंकड़ों पर नजर डालें तो सीएम जगनमोहन रेड्डी की पिछली कैबिनेट में 5 एससी, 1 एसटी, 7 ओबीसी, 1 अल्पसंख्यक और 11 अन्य जातियों के विधायक मंत्री थे. इस बार प्रतिनिधित्व में 17 से 11 बीसी, 5 एससी, 1 एसटी और 8 ओसी की बढ़ोतरी की गई है.

Advertisement

शपथ ग्रहण से पहले वाईएसआरसीपी जनरल सेक्रेट्री एस. रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि जगन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों को दिया गया प्रतिनिधित्व आंध्र प्रदेश के इतिहास में अनसुना है और ये इस कैबिनेट में भी रहेगा.

क्या था पिछली सरकार का जातीय समीकरण?

जगनमोहन रेड्डी से पहले 2014 में चंद्रबाबू नायडू की कैबिनेट की बात करें तो उस वक्त उन्होंने भी जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की थी. चंद्रबाबू के मंत्रिमंडल में 13 ओसी, एसी और बीसी समुदाय के 12 नेताओं को मंत्री बनाया गया था. 2017 में भी नायडू ने इसी अनुपात को बनाए रखा था.

ये भी पढ़ेंः-

धान खरीद नीति पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी, 11 अप्रैल को दिल्ली में धरना देगी तेलंगाना सरकार

देश की छह हाईकोर्ट में 20 जजों की नियुक्ति, तेलंगाना को सबसे ज्यादा 10 जज मिले
 

 


 

Advertisement
Advertisement