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'भारत अब आतंक के खिलाफ सिर्फ बोलता नहीं, ठोस कार्रवाई भी करता है', एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में बोले AAP सांसद राघव चड्ढा

राघव चड्ढा ने इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स और ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन जैसे नेताओं के साथ मंच साझा किया. सम्मेलन में भू-राजनीति, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक विकास जैसे मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ.

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AAP सांसद राघव चड्ढा
AAP सांसद राघव चड्ढा

दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित प्रतिष्ठित एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 2025 में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भारत की नई आतंकवाद-रोधी नीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया. उन्होंने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब आतंकवादी हमलों पर सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि उनका सटीक और निर्णायक जवाब देता है.

राघव चड्ढा ने कहा कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि आतंक के ढांचे को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत अब शांति का पक्षधर तो है, लेकिन अगर कोई हमारे नागरिकों को निशाना बनाता है, तो हम कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटते.” 

आतंकवाद पर भारत की नई नीति का परिचय

चड्ढा ने अपने संबोधन में भारत की आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' नीति पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत अब केवल कूटनीतिक प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर सीमापार सैन्य कार्रवाई को भी अंजाम देता है. ऑपरेशन सिंदूर इसका ताज़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा, “भारत अब वो देश नहीं रहा जो आतंकवादी हमलों पर सिर्फ शोक व्यक्त करता था. अब हम आतंक के स्रोत को खत्म करने के लिए ठोस रणनीति और कार्रवाई का रास्ता अपनाते हैं.” 

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वैश्विक एकजुटता की अपील

सांसद चड्ढा ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की ओर संकेत करते हुए वैश्विक समुदाय से इस चुनौती के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की लड़ाई है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और उसे किसी भी सीमा से संरक्षण नहीं मिलना चाहिए.”

चड्ढा ने महात्मा गांधी, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस का उदाहरण देते हुए भारत की बहुआयामी विरासत की चर्चा की और कहा कि भारत में जहां अहिंसा की परंपरा रही है, वहीं निर्णायक कार्रवाई की प्रेरणा भी इसी भूमि से आती है.

वैश्विक नेताओं के साथ साझा किया मंच

राघव चड्ढा ने इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स और ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन जैसे नेताओं के साथ मंच साझा किया. सम्मेलन में भू-राजनीति, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक विकास जैसे मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ.

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