देश का बंटवारा होना वाला था. लेकिन अभी ये तय नहीं हुआ था कि पाकिस्तान के हिस्से में कितनी जमीन रहेगी और भारत के हिस्से में कितनी. ऐसे में अंग्रेज अफसरों ने एक अग्रेंजी वकील सर क्रिल रेडक्लिफ को बंटवारे का नक्शा बनाने का काम सौंपा. लेकिन उनके पास इस काम के लिए सिर्फ 2 महीने का ही वक्त था. रेडक्लिफ को भारत की भौगोलिक स्थिति की कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में उन्होंने पंजाब में बहने वाली रावी नही की धारा को ही बॉर्डर मान लिया और देश का दो फाड़ कर दिया. एक हिस्सा बना पाकिस्तान, दूसरा बना भारत. लेकिन इससे भारत को एक बड़ा नुकसान हो गया. सिक्खों के पहले गुरु गुरुनानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 17-18 साल जिस जगह पर गुजारे थे, जहां उनकी समाधि है, वो जगह रावी के उस पार रह गई... और हमसे अलग हो गई. उस जगह का नाम है करतारपुर. देखिए ये वीडियो.